बेतिया और पूर्णिया की हवा देश में सबसे जहरीली, सांस लेना हुआ दूभर

पटना : बिहार की हवा बेहद जहरीली हो गई है। प्रदूषण भी लगातार बढ़ता जा रहा है। हालत ऐसे है कि खुली हवा में सांस लेना काफी खतरनाक हो गया है। सुदूरवर्ती जिलों में प्रदूषण की स्थिति काफी भयावह हो गई है। सूबे में बेतिया और पूर्णिया ने तो खराब प्रदूषण के मामले में दिल्ली, गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है।
बेतिया और पूर्णिया में प्रदूषण का एयर क्वालिटी सूचकांक (AQI) 400 से ज्यादा रिकार्ड किया गया। बेतिया में गुरुवार की सुबह एक्यूआइ 421 था जो देश में सबसे ज्यादा है। वहीं पूर्णिया में एक्यूआइ 420 रहा। इसके अलावा सूबे के 15 शहरों का एक्यूआई 250 से अधिक रहा।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार घोष का कहना है कि प्रदेश में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ी हुई है। इसका मूल कारण ठंड बढ़ना और धूलकण का उड़ना है।
सड़काें से बालू युद्धस्तर पर हटाया जाए
वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है प्रदूषण में कमी लाने के लिए जरूरी है कि सड़काें से बालू युद्धस्तर पर हटाया जाए। उस दिशा में राजधानी पटना सहित अधिकांश नगर निगम कोई पहल नहीं कर रहे हैं। यदि समय-समय पर सड़कों की धुलाई की जाए तो प्रदूषण को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
भवन निर्माण में मानकों का पालन नहीं होना भी कारण
प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में बन रहे भवन पर मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। सभी भवनों का निर्माण ग्रीन नेट के अंदर करना है, लेकिन अधिकांश भवन खुले में किए जा रहे हैं। भवननिर्माण सामग्री भी सड़कों पर बिखरी हुई है, जिस कारण प्रदूषण काफी तेजी से फैल रहा है।
बिहार के प्रमुख जिलों में इस प्रकार है प्रदूषण-
बेतिया-421, पूर्णिया-420, दरभंगा-397, बेगूसराय-391, बक्सर- 366, मुजफ्फरपुर-322, मोतिहारी-392, सीवान-391, सहरसा-347, कटिहार-347, कटिहार-347, छपरा-318, समस्तीपुर-304, पटना-292, बिहारशरीफ-284, भागलपुर-257 और
बिहारशरीफ-284

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