बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के पास है चार दशक का सियासी अनुभव सियासी संघर्ष से राजनीति में बनाई है जगह

सियासी संघर्ष से राजनीति में बनाई है जगह
पटनाः बिहार में विधानसभा में अवध बिहारी चौधरी स्पीकर चने गए . विपक्ष की ओर से इस पद पर कोई उम्मीदवार नहीं है। अवध बिहारी चौधरी का जन्म 17 अगस्त 1954 को सिवान के पटवा में एक किसान परिवार में हुवा था. वह छह बार विधायक रहे हैं. इनके पास चार दशक का सियासी अनुभव है. जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और सियासी संघर्ष से अपनी राजनीतिक जगह बनाई है. अवध बिहार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं
जमीन से जुड़े नेता है चौधरी
अवध बिहारी चौधरी जमीन से जुड़े हुए नेता हैं काफी संघर्ष के बाद राजनीतिक में अपनी जगह बनाई है. अवध बिहार चौधरी को सियासी बुलंदी पर लाने वाले सिवान से दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की भी भूमिका रही है. अवध बिहार चौधरी जनता दल के टिकट पर पहली बार 1985 में सीवान सीट से विधायक बने थे, बाद में जब लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी बनाई तो उनके साथ हो लिए. इसके बाद साल 2005 तक लगातार सीवान से विधायक रहे. इस दौरान वह सरकार में मंत्री भी रहे है और कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली.
2014 में राजद छोड़ जदयू का भी दाम थाना
2015 में बिहार की सत्ता बदली। इसके बाद अवध बिहार को लगातार हार का मुंह देखना पड़ा. अवध बिहारी चौधरी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद आरजेडी का दामन छोड़कर जेडीयू का हाथ थाम लिया. लेकिन जेडीयू ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान सीवान सीट से अवध बिहारी चौधरी को टिकट ना देकर बबलू चौहान को दिया गया. तब अवध बिहारी ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए.
2017 में फिर घर वापसी की
2017 में जेडीयू छोड़कर फिर से आरजेडी में चले गए. आरजेडी ने एक बार फिर साल 2020 में सिवान सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया और वो जीत कर एक बार विधायक बने. अवध बिहारी चौधरी सीवान से 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी, 2005 में विधायक चुने गए थे. 2020 में भी वह विधायक बने.
2020 में आरजेडी के टिकट पर विधायक बने
साल 2020 के विधानसभा में वो एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर सीवान सीट से जीत कर विधायक बने. जब एनडीए की सरकार बनी तो विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए बीजेपी के विजय सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया तो महागठबंधन की ओर से अवध बिहार चौधरी इस पद पर उम्मीदवार बने थे, लेकिन जीत विजय कुमार सिन्हा ने हासिल की थी और अवध बिहार विधानसभा अध्यक्ष नहीं बन पाए थे. अब जब दोबारा महागठबंधन स्ता में आई तो विधानसभा अध्यक्ष के लिए आरजेडी ने अवध बिहार चौधरी को ही इस पद के लिए बेहतर समझा और उनका स्पीकर बनना तय माना जा रहा है,

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