सात समंदर पास से मां की ममता ने खींच लाई, बेल्जियम से 42 साल बाद मां की तलाश मुजफ्फरपुर आईं शीला

पटनाः मां की ममता ऐसा होती है कि सात समंदर पार से भी खींच लाती है। 42 साल की शीला अपनी मां को तलाशते हुए मुजफ्फरपर पहुंची। 42 वर्ष पहले एक नवजात बच्ची को मुजफ्फरपुर की महिला ने पटना स्थित पादरी की हवेली गिरिजाघर को सौंप दिया था। बच्ची को कोलकाता स्थित मिशनरीज आफ चैरिटी के माध्यम से बेल्जियम की एक दंपती ने गोद लिया। वह आज एएन शीला बन गई है। शीला बेल्जियम की एक कंपनी में विज्ञानी हैं।
क्या है पूरा मामला
शीला की कंपनी में मुजफ्फरपुर के सरैया का एक युवक काम करता है। शीला ने उससे अपनी सारी बात बताई। उसके पास मां को खोजने के लिए एकमात्र दस्तावेज पादरी की हवेली की छोटी पावती है। इसमें अभिभावक के रूप में अनिला का जिक्र है। जगह का नाम स्पष्ट नहीं है। इसमें मुजफ्फरपुर के साथ एक शब्द लिखा है। इसके चंदवारा या चानमरूआ होने की बात कही जा रही है। मुजफ्फरपुर का जिक्र देख युवक ने शीला की मदद की है। उसने सरैया में अपने चाचा के पास उसे भेजा। उनकी मदद से वह एसडीओ पूर्वी कार्यालय आकर अपने बारे में जानकारी दी है। अब उसकी मां की खोज के लिए प्रशासनिक मदद शुरू की गई है।अभिभावक के रूप में जिस अनिला का नाम दर्ज है उसके ही मां होने की संभावना जताई जा रही है। लिखावट थोड़ी टेढ़ी-मेढ़ी होने के कारण नाम अनित होने की भी बात कही जा रही है। दोनों नाम और स्थान की संभावनाओं के साथ शीला की मां की तलाश की जा रही है।

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