विद्यालय भवन जर्जर, सकड़ों छात्र का जीवन दाव पर लगाकर हो रहा पठन पाठन

साहिबगंज
साहिबगंज जिला मुख्यालय स्थित आदर्श बालक मध्य विद्यालय पोखरिया का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। रेलवे लाइन से सटे होने के कारण ट्रेन के आने जाने से होने वाली धमक से विद्यालय में लगातार छत और दीवार से प्लास्टर झरते रहते हैं।
ऐसे में विद्यालय का इसी भवन में संचालन से सैकड़ों छात्रों की जीवन पर खतरा मंडराता रहता है।इस विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है।जिसमे वर्तमान में कुल 231 छात्र नामांकित है। कुल आठ कमरे के इस विद्यालय में चार कमरे पूरी तरह छतिग्रस्त है।शेष बचे चार कमरों में किसी तरह मरम्मती कराकर बच्चो को पढ़ाया जा रहा है ।
इस संबंध में विद्यालय की प्रधानाचार्य फ्रांसिस किस्कू बताती है कि विगत दिनों जिला शिक्षा अधीक्षक राजेश कुमार पासवान अपने विद्यालय का निरीक्षण किया था और उन्होंने विद्यालय के जर्जर स्थिति को लेकर उचित व्यवस्था करने की बात कही थी।
ज्ञात हो कि आदर्श बालक मध्य विद्यालय पोखरिया साहिबगंज जिले में शिक्षा व्यवस्था में एक समय अव्वल रहा करता था। आज क्या विद्यालय ना केवल अपने भवन बल्कि अन्य संसाधनों का भी रोना रो रहा है। विद्यालय में पुरुष शिक्षक एक भी नहीं है। केवल 3 महिला शिक्षिका के भरोसे संचालित इस विद्यालय की शिक्षिका रेखा झा जनवरी 2023 में सेवानिवृत्त हो जाएगी। जबकि प्रधानाध्यापिका फ्रांसिस किसको मार्च 2023 में सेवानिवृत्त हो जाएगी ऐसे में केवल एक शिक्षिका निशा कुमारी भी बच जाएंगे। विद्यालय में पेयजल की भी सुविधा उपलब्ध विद्यालय के अंदर एक चापाकल लगा हुआ है जो किसी काम का नहीं ऐसे में बच्चों को सड़क के उस पार लगे चापाकल से पानी लेना पड़ता है। प्रधानाध्यापिका फ्रांसिस किसने बताया बच्चे पानी पीने के लिए बराबर बाहर जाते हैं और मुख्य सड़क होने के कारण यहां सड़क पर लगातार गाड़ियां चलती रहती है जो बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। ऐसे ने विद्यालय परिसर के अंदर पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
इस संबंध में बात करने पर जिला शिक्षा अधीक्षक राजेश कुमार पासवान ने बताया कि विद्यालय का निरीक्षण मैंने स्वयं अपने स्तर से किया है। उन्होंने माना कि वास्तव में विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है पठन-पाठन के लिए उपयुक्त नहीं है। जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि बहुत जल्द इस विद्यालय को अन्यत्र हस्तांतरित करने पर विचार किया जा रहा है। विद्यालय के यहां से हस्तांतरण के बाद विद्यालय भवन को पूरी तरह ध्वस्त कर नए सिरे से भवन निर्माण की प्रक्रिया करवाई जाएगी। उन्होंने माना कि रेल लाइन के किनारे होने के कारण अत्यधिक धमक से विद्यालय भवन ज्यादा क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।

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