गोपालगंज में राजद में अंतर्कलह,पुराने कार्यकर्ताओं में विरोध के सुर

गोपालगंज: गोपालगंज जिले में राजद अंतर्कलह से जूझ रही है. पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में पुराने कार्यकर्ताओं के विरोध के सुर बाहर आने लगे हैं. कार्यकर्ताओं के हंगामे और विरोध की वजह से जिलाध्यक्ष पद के चुनाव में किसी को नामित नहीं किया जा सका और मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के पास सौंप दिया गया है. अब गोपालगंज में राजद का जिलाध्यक्ष कौन बनेगा, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ही तय करेंगे. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों का चुनाव होना है.

गोपालगंज में राजद के जिलाध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए पार्टी की ओर से पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को चुनाव प्रभारी बनाया गया था. इनके साथ राजद की वरिष्ठ नेत्री मंजू देवी को सहायक निर्वाची पदाधिकारी बनाकर भेजा गया था, लेकिन गोपालगंज में बैठक के दौरान राजद जिलाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं की सहमति नहीं बनी, जिसके बाद किसी को नामित नहीं किया गया और बैठक को कुछ ही देर में खत्म कर दिया गया.राजद नेता अरुण सिंह ने सुनायी पीड़ा, कहा नहीं मिला सम्मान

राजद किसान सेल के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि जिला में आज जिलाध्यक्ष का चुनाव था लेकिन मंच पर कुछ चहेते लोगों को ही बोलने का मौका दिया गया. जबकि गोपालगंज में पार्टी का कार्यालय आठ साल से उनके मकान में चल रहा है जिसका खर्चा वो खुद उठाते हैं. वो पार्टी के पुराने और कद्दावर नेता हैं. किसान सेल के जिलाध्यक्ष भी हैं बावजूद इसके जिलाध्यक्ष के चुनाव के दौरान उन्हें न तो मंच पर आमंत्रित किया गया और न ही बोलने का मौका दिया गया.

पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ आम सहमति नहीं बन पाई. जिसके बाद गोपालगंज जिला अध्यक्ष के नाम के मनोनयन को लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव को अधिकृत कर दिया गया है. लालू यादव के द्वारा ही जिसके नाम पर सहमति बनेगी उसे ही जिला का अध्यक्ष बनाया जाएगा.वर्तमान जिलाध्यक्ष के खिलाफ जतायी नाराजगी

गोपालगंज में वर्तमान में हथुआ के विधायक राजेश कुशवाहा राजद के जिलाध्यक्ष हैं लेकिन उनके खिलाफ भी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई. कुछ कार्यकर्ताओं ने मंच से अपनी पीड़ा भी जाहिर की. बहरहाल एक बार फिर लालू यादव के गृह जिले में ही राजद का अंतर कलह खुलकर सामने आ गया है. पुराने पार्टी कार्यकर्ता भी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. कार्यक्रताओं का आरोप है कि पार्टी के द्वारा नए लोगों को तवज्जो दी जा रही है, लेकिन जो संगठन के पुराने कार्यकर्ता, अधिकारी हैं उन्हें तरजीह नहीं दी जा रही है.

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