बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को राहत, इस साल नहीं बढ़ेंगी बिजली दरें

पटनाः बिहार के बजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। इस साल एक अप्रैल से लागू होने वाली बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं होगी. मौजूदा बिजली दर ही आगे भी बरकरार रहेगी.
आयोग ने खारिज किया प्रस्ताव
कंपनी की ओर से बिजली दरों में 9.90 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने खारिज कर दिया. आयोग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने 23 835.31 करोड़ की मांग की थी. बिजली की बिक्री से होने वाली आमदनी के बावजूद 1184.41 करोड़ कम होने का हवाला दिया गया था, लेकिन आयोग ने सभी तथ्यों की समीक्षा कर बिजली कंपनी का खर्च 21545.97 करोड़ ही माना.बिजली की बिक्री से कंपनी को होने वाली आय के बाद मात्र 6.69 करोड़ का अंतर पाया गया. कंपनी ने यह भी कहा था कि औसतन 4.24 रुपये प्रति किलोवाट की दर से बिजली खरीदी जा रही है, जबकि आपूर्ति करने पर 7.22 रुपये प्रति किलोवाट खर्च हो रहे हैं. इस पर आयोग ने कंपनी को अपना नुकसान 15 फीसदी पर लाने को कहा. अभी कंपनी का वास्तविक नुकसान 35 फीसदी है. आयोग ने दो टूक कहा कि वह अपने नुकसान की भरपाई उपभोक्ताओं से नहीं कर सकता.बिजली कंपनी ने शहरी घरेलू उपभोक्ताओं में तीन के बदले दो स्लैब करने का प्रस्ताव दिया था. कंपनी की ओर से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार शून्य से 100 यूनिट का पहला और 101 यूनिट से अधिक का दूसरा स्लैब करने का प्रस्ताव था. लेकिन आयोग ने मौजूदा स्लैब शून्य से 100 को पहला, 101 से 200 को दूसरा और 201 यूनिट से अधिक को तीसरा स्लैब बरकरार रखा. बिजली कंपनी ने फिक्सड चार्ज में भी 10 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव दिया था जिसे आयोग ने खारिज कर दिया.

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