पिछले आठ सालों से रिक्त मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन की कुर्सी पर अब रविंद्र सिंह होंगे आसीन

रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद बोर्ड-निगम के रिक्त पदों को भरने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में गठबंधन की सरकार ने कांग्रेस नेता रविंद्र सिंह को झारखंड राज्य कृषि विपनन पार्षद का नया चेयरमैन मनोनित किया है। इसकी आधिकारिक आदेश जारी हो गई है।राज्य कृषि विपनन पार्षद में चेयरमैन का पद पिछले आठ सालों से रिक्त पड़ा हुआ था। 2014 के बाद किसी भी सरकार ने मार्केटिंग बोर्ड में चेयरमैन नियुक्त नहीं किया। 16जून 2023 मार्केटिंग बोर्ड को रविंद्र सिंह के रूप में नया चेयरमैन मिल जायेगा। कबडखाने में तब्दील हो चुके चेयरमैन के चेंबर को नया किया जा रहा है। चेयरमैन के ऑफिस में रंगरोगन चल रहा है। एसी,कुर्सी, सोफा सहित कई आवश्यक सामानों को लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार नए चेयरमैन रविंद्र सिंह शुक्रवार को करीब दोपहर 1:30 में पदभार ग्रहण करेंगे। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर,मंत्री बादल पत्रलेख सहित कई कांग्रेसी नेता रहेंगे।
राज्य में 28 बाजार समिति
झारखंड राज्य में 28 बाजार समिति है। पूरे राज्य में करीब चार हजार 544 दुकान और गोदाम है।राजधानी रांची के पंडरा स्थित बाजार समिति को छोड़ करीब करीब सभी जिले के बाजार समिति का हाल बुरा है।यही नहीं किसी भी जिले में बाजार समिति सचिव नहीं है। उनके जगह पर आऊटसोर्सिंग पर सुपरवाईजर नियुक्त कर दिया गया है। मार्केटिंग बोर्ड में कर्मियों की भारी कमी है।आमदनी से अधिक खर्च है। 900 की क्षमता में 142 कर्मी ही विभाग में है। पुराने कर्मी सेवा निवृत्त हो रहे हैं और कोई नई बहाली2015 के बाद नहीं हुई है। मार्केटिंग बोर्ड में आमदनी से अधिक खर्च है। इसपर विभाग अबतक कोई ठोस पहल नहीं कर पाई है।

क्या कहते हैं नए चेयरमैन
मार्केटिंग बोर्ड के नए चेयरमैन रविंद्र सिंह ने कहा कि जो भी कमियां होगी उसकी समीक्षा की जायेगी। विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसपर चर्चा की जायेगी। किसानों को उसके घर तक बाजार पहुंचे इसपर मेरा फोकस होगा। उन्होंने कहा कि किसान से जुड़ी यह वयवस्था है। यदि जरूरत पड़ी तो बाजार बढ़ाएंगे। राजस्व को बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।

क्या कहते हैं कृषि विपनन के पार्षद

राज्य कृषि विपनन के पार्षद कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया की मार्केटिंग बोर्ड 2015 से डेड है। उन्होंने बताया की आमदनी से अधिक खर्च है।रांची के पंडरा बाजार समिति मंडी से ही आमदनी होती है। इसके अलावा अन्य जिले के बाजार समिति से बहुत कम आमदनी होती है। इसके अलावा बीते कई सालों से बाजार समिति का करोड़ों रुपए बकाया है। बहुत से दुकानदार दुकान भाड़ा नहीं दे रहे हैं।पंडरा में दुकान और गोदाम करीब दो सौ है।
टैक्स निर्धारण और उसका पालन नहीं होने से मार्केटिंग बोर्ड को आमदनी नहीं हो रही है। सब्जी फल,अनाज,मछली, मांस पर एक प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है। अनाज पर एक प्रतिशत पहले लेते थे टैक्स। 2015से टैक्स बंद है। साल का सौ करोड़ आमदनी होती थी। मार्केटिंग बोर्ड के नए चेयरमैन की नियुक्ति होने के बाद ही बाजार में टैक्स लगाने पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि ई ट्रेडिंग से सैकड़ों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इसमें 2022-23 में 31644.31क्विंटल ट्रेडिंग हुआ था।
जम्मू कश्मीर से सेब का और महाराष्ट्र से प्याज का ई- ट्रेडिंग के माध्यम से व्यापार हो रहा है। झारखंड सकरकंद और सब्जी बाहर के राज्यों में भेजा जाता है। यूपी से आलू की खरीदारी होती है।

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