एकता भाईचारा पाबंदी व गरीबों की मदद का पैगाम देता है रमजान: जुबैर

खूंटी: रमजान के केवल इबादत का ही महीना नहीं है, बल्के यह समाज सुधार का भी एक जरिया है । रमजान से समाज को तकवा पाबंदी एकता भाईचारा इंसानियत सब्र और गरीबों की मदद का पैगाम मिलता है। ग्राम सिल्दा के सेक्रेटरी जुबेर अहमद ने कहा कि रमजान में फैली कुर्तियां रिश्वतखोरी और गुनाहों को रोक पाने की तमाम कोशिशे अब तक नाकाम रही है। केवल पुलिस और कानून की ताकत पर समाज से इन बुराइयों को खत्म नहीं किया जा सकता ।इसको खत्म करने का एक ही रास्ता है तकवा, यानी लोगों के दिलों से बुराइयों को दूर करना रमजान में लोगों को यही पैगाम दिया जाता है की वह हर बुराइयों से बच्चे और लोगों को भी अच्छाई की ओर लौटाया आता है। उन्होंने कहा कि रमजान लोगों को पाबंदी शिखाता है पूरे दिन पाबंदी के साथ रमजान के हर अरकान को पूरा करने की बंदे में रोजाना के कामों की पाबंदी का भी असर होता है ।इसके साथ ही रमजान एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है रमजान यह पैगाम देता है कि सभी लोग एक प्लेटफार्म पर आए। और आपसी गिले शिकवे को भूल कर एकजुट होकर रहे। जुबेर अहमद साहब ने कहा कि रमजान इंसानियत का परवाना है इस महीने में लोगों के बीच आपसी प्यार मोहब्बत और उनके सौहार्द का जज्बात पैदा होता हैं। इसके अलावा रोजा लोगों को सब्र करना भी सीखाता है।

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