राज्यसभा चुनावः महागठबंधन में दिल से दिल मिलाने की कोशिश

रांचीः सूबे में एक तरफ जांच ही जांच, दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव। दलों के बीच करें तो क्या करें की स्थिति बन गई है। जांच में भी पिक्चर क्लीयर नहीं हो पा रहा है। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्यसभा चुनाव में सबसे विकट स्थिति महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और झामुमो की है। दोनों के बीच उम्मीदवारी को लेकर असमंजस बना ही हुआ है। कांग्रेस कंफर्म सीट चाहती है। वहीं जेएमएम कंपर्म सीट नहीं देना चाहता। बीच का रास्ता निकालने के लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर एक बार सीएम हेमंत सोरेन से वार्ता कर चुके हैं। अब सोनिया गांधी और सीएम हेमंत सोरेन के बीच इस विषय पर अंतिम रूप से वार्ता होनी है। इसके लिए हेमंत सोरेन शीघ्र ही दिल्ली जा सकते हैं।
भाजपा ने भी नहीं खोला है पत्ता
राज्यसभा में उम्मीदवारी को लेकर भाजपा ने भी अपना पत्ता नहीं खोला है। जानकारी के अनुसार 26 से 28 मई तक हजारीबाग में होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद उम्मीदवारी के नाम की घोषणा की जा सकती है। बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर भी मंथन किया जाएगा। इधर झारखंड बार काउंसिल के वकीलों ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर अधिवक्ताओं के बीच से ही उम्मीदवार देने की मांग की है। बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश शुल्क ने कहा है कि राज्यसभा में वकीलों का झारखंड से प्रतिनिधत्व होना चाहिए। बाद किसी एक नाम की घोषणा होगी। बताते चलें कि नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 31 मई है। एक जून को उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि तीन जून तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकेंगे।

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