खतरे में कांग्रेस कोटे के मंत्री, भूमिका पर उठ रहे सवाल, आलाकमान को सौंपी गई रिर्पोट
रांचीः झारखंड की राजनीति में भूचाल आ खड़ा हुआ है। कब कौन कहां किसको ले डूबेगा कहना मुश्किल है। कैश कांड में पुलिस के हत्थे चढ़े तीन विधायक चढ़ चुके हैं। इस एपिसोड में कांग्रेस कोटे के मंत्री की भूमिका अहम मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार इससे जुड़ी रिर्पोर्ट प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने आलाकमान को सौंप दी है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के फेर बदल के भी कयास लगाए जा रहे हैं। संगठन को धार नहीं दे सकना भी मंत्रियों को हटाने का कारण बनाया जा सकता है। सत्ता के गलियारों में यह भी चर्चा है कि पार्टी में टूट की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। बिरसा कांग्रेस के नाम से अलग गुट बनाकर सरकार को परेशानी में डालने की कवायद हो चुकी थी। लेकिन पार्टी के कुछ विधायक ऐन वक्त पर गच्चा दे गए। इसमें कहा गया था कि फिलहाल सरकार में एक मंत्री हैं जो इस नए गुट का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद बागी गुट में शामिल होने वाले विधायक नाराज हो गए। उन्होंने साफ कहा कि मंत्री रहते हुए तो कुछ हुआ नहीं, फिर नेतृत्व की कमान सौंप दी जाएगी तो फिर वहीं कहानी दुहराने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के बागी विधायकों ने दो तिहाई विधायकों के साथ पार्टी से अलग गुट बनाने की पुख्ता तैयारी कर ली थी। इसके लिए कम से कम 12 विधायकों का साथ होना चाहिए था और संख्या बल के हिसाब से पूरा स्टेज तैयार हो रहा था। तैयारी यह भी थी कि भाजपा और झामुमो में से जो पार्टी भी सरकार बनाने के लिए आगे बढ़ेगी उसके साथ हो लेंगे। बहरहाल ये गुट बीजेपी और झामुमो दोनों से बारगेनिंग कर रहे थे।