प्रदूषण बोर्ड खुद प्रदूषण की चपेट में, ईडी ने तरेरी आंखे, तीन साल से दिये गये सीटीओ मामले को लेकर खंगाले जा रहे दस्तावेज
400 पत्थर खदानों के संचालन की दी गई है अनुमति
जैसी पार्टी वैसी फीस लेकर प्रदूषण बोर्ड ने दिया है अंजाम
कई टॉप लेवल के आइएफएस आ जाएंगे जांच के दायरे में
रांचीः अब झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड खुद प्रदूषण की चपेट में आ गया है। ईडी ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद पर आंखे तरेरी हैं। सूत्रों के अनुसार चार साल पहले से अब तक दिए गए पत्थर खदान के कंसेंट टू ऑपरेट और कंसेंट टू इस्टैबलिशमेंट के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। ईडी यह भी जानकारी जुटा रही है कि किन हालात में संताल सहित अन्य क्षेत्रों में खदानों के संचालन की अनुमति दी गई। यही नहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की कॉपी भी ईडी ने मंगा ली है। जानकारी के अनुसार साहे्बगंज में 510 पत्थर खदानों में से 440 खदानों को खदान संचालन की अनुमति दे दी गई थी। इसमें 300 से अधिक स्टोन क्रशरों की तरफ से एनजीटी अथवा प्रदूषण बोर्ड के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया.
प्रेम प्रकाश से मिले इनपुट पर हो रही कार्रवाई
जानकारी के अनुसार ईडी के हत्थे चढ़े प्रेम प्रकाश से मिले इनपुट के आधार पर ईडी यह कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार प्रेम प्रकाश की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में तूती बोलती थी। वह इनवारयमेंटल क्लीयरेंस से लेकर सीटीओ और कंसेंट टू इस्टैबलिशमेंट दिलाने के लिए लाइजनिंग भी करता था। इस मामले में एनजीटी ने भी गंभीर टिप्पणी की है। एनजीटी ने कहा था कि साहेबगंज के बाकुडी खनन क्षेत्र में क्रशर इकाईयों द्वारा पर्यावरण प्रदूषण के उपायों पर कोई ध्यान नहीं दिया.