अंगिका भाषा को झारखंड में द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने की मांग,समाज के लोगों ने बैठक में लिया फैसला
रांची : झारखंड में अंगिका भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने की मांग झारखंड प्रदेश अंगिका परिवार ने किया है। रविवार को पहाड़ी मंदिर पूर्वी भाग परिसर में आयोजित विचार गोष्टी में यह फैसला लिया गया। साथ ही भारत सरकार के रेल मंत्री से रांची से अंगिका क्षेत्र के लिए रेल चलाने की मांग की है। बैठक की अध्यक्षता आशुतोषनाथ पाठक ने किया। वहीं संचालन राकेश कुमार सिंह चंदेल ने किया। बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में करीब एक करोड़ अंगिका परिवार के लोग निवास करते हैं। अंगिका भाषा के प्रति यहां की सरकार हमेशा से अनदेखी करती आई है।लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। अंगिका भाषा को सम्मान देना ही होगा। झारखंड में रहने वाले अंगिका भाषा के लिए अब एकजुट हो गए हैं। हमलोग अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने से पीछे नहीं रहेंगे। सदस्यों ने कहा कि झारखंड में करीब 17 जिले में अंग भाषा भाषी के लोग रहते हैं। झारखंड में पहले अंगिका भाषा को राज्य का द्वितीय राजभाषा में जोड़ा गया था। लेकिन इसे हट लिया गया है। साथ ही स्कूलों में भी अंगिका भाषा जोड़ने की मांग किया है।
वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में सामाजिक सरोकार के लिए अंगिका परिवार समय समय पर मेडिकल कैम्प का आयोजयाईं करती है। इसके साथ ही सरहुल,रामनवमी सहित अन्य पर्व त्योहारों में सेवा शिविर का आयोजन करती है। इस बैठक में मधुकर सिंह,नंदकिशोर सिंह चंदेल,अमूल्य कुमार सिंह पिंटू,कंचन कुमार महराज सहित कई अंगिका परिवार के लोग उपस्थित रहे।