लो-वोल्टेज और अनियमित विद्युत आपूर्ति से पेयजल के लिए हाहाकार ,पानी के लिए हो रही आपस में लड़ाई…

रांची: प्रचंड गर्मी और आसमान से बरसते आग के गोले से आम जन जीवन प्रभावित है। इस गर्मी में लोगों को पानी और बिजली भी नहीं मिल रही है। अनियमित और लो वोल्टेज विधुत आपूर्ति से लोगों को न तो गर्मी से राहत मिल रही है न ही उसकी प्यास बुझ रही है। लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
राजधानी रांची और खूंटी के कई इलाके में पेयजल का घोर संकट उत्पन्न हो गया है। हर घर नल जल योजना का काम भी पूरा नहीं हुआ है। यही नहीं टैंकर से भी पानी को सप्लाई नहीं हो रही है। पानी के लिए लोग आपस में जंग कर रहे हैं।
राजधानी रांची के हरमू,टैगोर हील,स्टेशन रोड सहित अन्य जगहों में पेयजल के लिए अलग अलग वार्ड में नगर निगम के द्वारा दीप बोरिंग किया गया है। लेकिन लो वोल्टेज के कारण बोरिंग का मशीन चलता ही नहीं है,इससे जलापूर्ति नहीं हो पाती है। लो वोल्टेज से परेशान कई वार्ड में लोग आपस में चंदा कर जेनरेटर उपलब्ध करवाकर बोरिंग मशीन चला कर पानी निकाल रहे हैं। दिन में आसमान से बरसते आग के गोले से परेशानी और रात में अनियमित विद्युत आपूर्ति से लोग रतजगा कर रहे हैं। लोगों का राज्य सरकार के पार्टी आक्रोश दिख रहा है।प्रचंड गर्मी में इंसानों से लेकर जानवर तक बेहाल हैं। सरकारी पेयजल संसाधनों के हलक सूख चुके हैं। हालात यह हैं कि प्यास बुझाने के लिए यहां लोगों को दूर दराज से पानी सिर पर ढोना पड़ रहा है। इस समस्या को चुनाव में मुद्दा बनाया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि भी भूल जाते हैं।
वहीं कई लोगों ने कहा कि किसी भी सरकार की प्राथमिकता जनता को पानी और बिजली देना प्रमुख रूप से होती है। लेकिन वर्तमान की सरकार लोगों को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध कराने में फेल साबित हो रही है। सिर्फ बड़ी बड़ी बातें करती है। आम जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। पेयजल के लिए राज्य सरकार बजट में करोड़ों रुपए खर्च करने की घोषणा करती है। यह सिर्फ फाइलों में ही खर्च दिखता है। बजट की राशि बंदरबांट हो जाती है।
स्थानीय निवासी मुकेश बताते हैं कि न्यू नगर में बीते दो माह से पाइपलाइन से पानी नहीं आ रहा है। लगातर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पानी के लिए कॉलोनी में हहाकार मचा हुआ है।
वहीं, विजय कहते हैं कि बीते दो महीने से पाइपालाइन से पानी नहीं आ रहा है। हजारों की आबादी पानी की किल्लत से परेशान है। पीने से लेकर शौचालय तक के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है।
मंगरू मुंडा ने कहा कि गर्मी में लगातार जलस्तर नीचे जा रहा है। कालोनी के 90 प्रतिशत घरों की बोरिंग सूख चुकी है। इधर पेयजल का पानी भी बीते दो माह से नहीं आ रहा है। मजबूरन लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं।
संजय महतो बताते हैं कि गर्मी में लगातार जलस्तर नीचे जा रहा है। कई लोग अब 700 फीट पर बोरिंग करा रहे हैं। जिस कारण अन्य घरों की बोरिंग सूख गया है। इधर पीएचईडी विभाग में शिकायत दर्ज कराने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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