नीतीश कुमार पहुंचे राजभवन, पीछे से सुशील मोदी,बस गरमा गयी सियासत

पटना : बिहार के राजभवन से बुधवार दोपहर जब यह खबर आई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा कोटे से उनके साथ लंबे समय तक उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी एक साथ अंदर हैं तो राजनीतिक तापमान अचानक चढ़ गया। दोनों अलग-अलग काम से, अलग समय पर गए थे; लेकिन दोनों के एक समय में अंदर होने से अफवाहों का बाजार गरम हो गया। मुख्यमंत्री को 10 जुलाई से पहले मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए राजभवन में ही शपथ ग्रहण समारोह कराना है। राजभवन के अंदर चल रहे निर्माण कार्यों को मुख्यमंत्री ने देखा और इसपर संबंधित अफसरों से बात भी की।बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारी 23 जून को विपक्षी एकता के लिए देशभर के 15 दलों की हुई बैठक के अगले दिन से ही शुरू हो चुकी है। वजह यह है कि हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के इकलौते मंत्री संतोष कुमार सुमन उर्फ संतोष मांझी के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के 72 घंटे के अंदर जनता दल यूनाईटेड कोटे से सहरसा के सोनवर्षाराज से विधायक रत्नेश सदा को उनकी जगह शपथ दिला दी गई। महागठबंधन सरकार के मुख्य घटना राष्ट्रीय जनता दल के दो मंत्रियों के इस्तीफे से खाली हुए पद भी नहीं भरे गए और न ही कांग्रेस की दो और मंत्रियों की मांग पूरी की गई। सिर्फ रत्नेश सदा के शपथ के समय कहा गया कि विपक्षी एकता की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में यह कमियां पूरी कर दी जाएंगी।अगले महीने के पहले पखवारे में ही बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू होना है और लगभग उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ शिमला में विपक्षी एकता को लेकर दूसरी बैठक की तैयारी हो रही है। इस बैठक में कांग्रेस की अहम भूमिका होगी, इसलिए कांग्रेस की दो और मंत्रीपद की मांग इससे पहले पूरी होनी तय है। संकट फिलहाल यह फंस रहा है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बाहर गए हुए हैं।

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