विधानसभा सदन से निलंबित विधायकों ने सीएम कार्यालय के बाहर दिया धरना

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में बीते गुरुवार को सदन की कार्रवाई से निलंबित 18 विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा स्थित सीएम हेमंत सोरेन ऑफिस के गेट पर धरना पर बैठे। धरना पर बैठे सभी विधायक सीएम से पांच साल में लिए वादे का हिसाब मांग रहे हैं।
विधायकों ने मुख्यमंत्री से पारा शिक्षक, मनरेगा कर्मी, आंगनबाड़ी सेविका / सहायिका, रसोईया, कृषि मित्र, एएनएम, होमगार्ड, पोषण सखी, जलसहिया, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा ऑपरेटर, पारामेडिकल, नगर पालिका सफाई कर्मचारी, सभी अनुबंधकर्मी के स्थायीकरण, प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, जेपीएससी घोटाला, जेएसएससी घोटाला आदि पर जवाब मांगा है।
इस दौरान मुख्यमंत्री चेंबर के आसपास सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है। किसी भी व्यक्ति या पत्रकार को उसे ओर नहीं जाने दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सदन के अंदर पिछले 5 वर्ष के वादों पर जवाब मांगने की मांग को लेकर सदन के अंदर धरना पर बैठने के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के 18 विधायकों को 2 अगस्त 2024 के अपराह्न 2:00 बजे तक के लिए सस्पेंड कर दिया था ।निलंबित विधायकों में पुष्पा देवी (छतरपुर), नीरा यादव (कोडरमा), अपर्णा सेनगुप्ता(निरसा), सी पी सिंह (रांची), भानु प्रताप शाही (भवनाथपुर), रणधीर सिंह (सारठ), आलोक चौरसिया(डाल्टेनगंज), किशुन दास (सिमरिया), कुशवाहा शशिभूषण मेहता(पांकी), समरी लाल (कांके), अनंत ओझा (राजमहल), राज सिन्हा(धनबाद), नारायण दास (देवघर), केदार हाजरा (जमुआ), कोचे मुंडा(तोरपा), अमित मंडल(गोड्डा),/बिरंची नारायण(बोकारो), नवीन जयसवाल(हटिया) शामिल है।

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