गणादेश खासः बिजली कंपनियों ने लूट ली अफसरों, इंजीनियरों और कर्मियों की पदवी

सात साल बाद भी खड़ा नहीं हो पाया कंपनियों का संगठनात्मक ढ़ांचा
अफसरों और इंजीनियरों के पद नाम भी नहीं बदले
पावर फाइनांश कॉरपोरेशन ने 2015 में की थी रिपोर्ट तैयार
रांचीः बिजली कंपनियों ने इंजीनियरों , अफसरों और कर्मियों की पदवी लूट ली है। इसकी वजह यह है कि सात साल गुजर जाने के बाद भी बिजली कंपनियों का संगठनात्मक ढ़ांचा खड़ा नहीं हो पाया है। चारों कंपिनयों के बेहतर संचालन के लिए पावर फाइनांश कॉरपोरेशन(पीएफसी) ने 2015 में रिर्पोट तैयार की थी। लेकिन सात साल बाद भी इस रिर्पोट को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। रिर्पोट के आधार पर चारों बिजली कंपिनयों के अफसरों और इंजीनियरों के पदनाम भी बदले जाने थे.
संगठनात्मक ढांचे से क्या होता फायदा
संगठनात्म ढ़ांचे से कंपनी का परफॉरमेंस व संसाधनों का उपयोग बेहतक ढ़ंग से होगा। मॉनिटिरिंग सहित अन्य गतिविधि बेहतर होती। एकाउंटिबिलिटी के साथ काम होता। विभिन्न कार्यों में समन्वय बनाया जा सकता था। सोशल सैटिसफैक्शन होता। काम का बंटवारा होता। साथ ही ट्रेनिंग, टेस्टिंग और आगे की योजनाएं बनाने का काम भी होता।
किसके लिए कौन सी थी पदवी
पीएफसी की रिपोर्ट के अनुसार इंजीनियर इन चीफ का पदनाम ईडी होता. चीफ इंजीनियर व एडिशनल चीफ इंजीनियर जेनरल मैनेजर के नाम से जाने जाते. अधीक्षण अभियंता डीजीएम, कार्यपालक अभियंता सीनियर मैनेजर, सहायक अभियंता असिस्टेंट मैनेजर के नाम से जाने जाते. वहीं जूनियर इंजीनियर का पदनाम जूनियर एक्जीक्यूटिव दिया गया था. फोरमैन, लाइन मैनस ऑपरेटर, टेक्नीशियन, स्टोरकीपर असिस्टेंट के नाम से जाने जाते. लेकिन अबतक इन अफसरों व कर्मियों का पदनाम नहीं बदल पाया है। पुराने पदनाम से ही व्यवस्था चल रही है.
ऊर्जा विकास निगम का ऐसा होता ढ़ांचा
ऊर्जा विकास निगम के लिए सीएमडी के बाद डायरेक्टर फाइनांश, चीफ विजिलेंस आफिसर, कंपनी सेक्रेट्री, डायरेक्टर एचआर, जीएम फाइनांस, जीएम टेक्निकल और जीएम एचआर व प्रशासन होता. इसके अलावा निदेशक वित्त के साथ जीएम फाइनांस, डीजीएम इंटरनल ऑडिट, डीजीएम मास्टर ट्रस्ट, डीजीएम कोआर्डिनेशन, चीफ मैनेजर इंटरनल ऑडिट, चीफ मैनेजर रिर्सोस, चीफ मैनेजर एकाउंटिंग, चीफ मैनेजर कोऑर्डिनेशन, दो प्रबंधक इंटरनल ऑडिट के लिए, मैनेजर इंवेस्टमेंट, मैनेजर एकाउंटिंग, मैनेजर डिस्ब्रसमेंट के अलावा दो मैनेजर काम करते।
उत्पादन निगम में ऐसी होती पदवी
ऊर्जा उत्पादन निगम में एमडी के साथ सीएस, डायरेक्टर टेक्निकल, डायरेक्टर फाइनांस, ईडी, इडी आपरेशन एंड मेनटेनेंस, इडी एचआर, इडी फाइनांस, जीएम प्रोजेक्ट, जीएम ऑपरेशन एंड मेनटेनेंस , जीएम पावर प्लांट और कोल ब्लॉक, जीएम सिविल, जीएम एचआर व एडमिनिस्ट्रेशन और जीएम फाइनांस होता. वहीं निदेशक फाइनांस के साथ ईडी फाइनांस, जीएम फाइनांस, डीजीएम इंटरनल ऑडिट, डीजीएम फाइनांस, चीफ मैनेजर फाइनांस, चीफ मैनेजर स्टेबलिसमेंट, चीफ मैनेजर टैरिफ, मैनेजर ऑडिट, मैनेजर प्लानिंग, मैनेजर प्रोजेक्ट, मैनेजर फाइनांस, मैनेजर बैंक व कैश, मैनेजर स्टेबलिसमेंट, मैनेजर एकाउंट, मैनेजर टैरिफ व स्टोर होता. यह भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी.
संचरण निगम में इन्हें ये मिलता पद
एमडी के साथ डायरेक्टर आपरेशन, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, जीएम एसएलडीसी,सीएस, डायरेक्टर फाइनांश, इडी आपरेशन एंड मेनटेनेंस, इडी प्रोजेक्ट, ईडी एचआर, इडी फाइनांस, जीएम ऑपरेशन एंड मेनटेनेंस, पांच जीएम जोनल ऑफिस में, जीएम पीएंडपी, जीएम एचआर और जीएम फाइनांस होते. इसके अलावा डायरेक्टर फाइनांस के साथ ईडी फाइनांस, डीजीएम इंटरनल ऑडिट, डीजीएम फाइनांश,डीजीएम एकाउंट, चीफ मैनेजर ऑडिट, चीफ मैनेजर फाइनांस, चीफ मैनेजर स्टेबलिसमेंट, चीफ मैनेजर टैरिफ, मैनेजर ऑडिट, मैनेजर प्लानिंग,मैनेजर प्रोजेक्ट, मैनेजर फाइनांस, मैनेजर बैंक एंड कैश, मैनेजर स्टेबलिसमेंट, मैनेजर एकाउंट व मैनेजर टैरिफ होते.
वितरण निगम अफसरों को भी ये मिलता पदनाम
इसमें एमडी के साथ डायरेक्टर ऑपरेशन, डायरेक्टर प्रोजेक्ट,डायरेक्टर फाइनांश, सीएस, ईडी ऑपरेशन एंड मेनटेनेंश, ईडी प्रोजेक्ट, इडी एचआर,ईडी फाइनांश, तीन जीएम ऑपरेशन एंड मेनटेनेंत में, सात जीएम एरिया ऑफिस में, तीन जीएम आरएपीडीआरपी में, जीएम एचआर व जीएम फाइनांस होते. इसके अलावा डायरेक्टर फाइनांत के साथ ईडी फाइनांस, डीजीएम इंटरनल ऑडिट, डीजीएम फाइनांस,डीजीएम एकाउंट, चीफ मैनेजर ऑडिट, चीफ मैनेजर फाइनांस, चीफ मैनेजर स्टेबलिसमेंट, चीफ मैनेजर टैरिफ, मैनेजर ऑडिट, मैनेजर प्लानिंग,मैनेजर प्रोजेक्ट, मैनेजर फाइनांस, मैनेजर बैंक एंड कैश, मैनेजर स्टेबलिसमेंट, मैनेजर एकाउंट व मैनेजर टैरिफ होते.

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