राज्यभर के पारा शिक्षकों ने घेरा सीएम आवास, जमकर हुई नारेबाजी

रांची : शनिवार को राज्यभर के पारा शिक्षक सीएम आवास का घेराव करने रांची पहुंचे. मोरहाबादी मैदान से सीएम आवास की ओर न्याय मार्च निकाला. लेकिन इन सहायक अध्यापकों को बीच में ही मोरहाबादी मुख्य सड़क पर पुलिस बैरिकेडिंग के समक्ष रोक दिया गया. इस दौरान सहायक अध्यापक पुलिस से बैरिकेडिंग हटाने की मांग करते रहे. टेट पास सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले सड़क पर उतरे ये पारा शिक्षक सरकार के विरुद्ध नारेबाजी भी की. वेतनमान की मांग कर रहे आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने सरकार द्वारा आयोजित होने वाली सहायक आचार्य परीक्षा में शामिल नहीं होने की धमकी दी है. सरकार की गलत नीति से नाराज पारा शिक्षकों का कहना है कि पिछले 15 से 20 वर्षों से वे सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं और अब सरकार परीक्षा लेकर हमें नियमित करने की बात कह रही है जो न्याय संगत नहीं है. शिक्षकों ने कहा कि सरकार के खिलाफ उलगुलान करेंगे और पूरे राज्यभर में नाकेबंदी कर देंगे. शिक्षकों ने कहा कि जिस समय समझौता हो रहा था तो उस समय मुख्यमंत्री ने यह कहा था कि 3 महीने के अंदर वेतनमान दी जाएगी. मगर आज तक यह नहीं हुआ. ऐसे में पारा शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. हम न्याय मार्च के जरिए मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगाने आये हैं कि हमारी मांगों को जल्द से जल्द वह सरकार माने नहीं तो राज्य के करीब 15 हजार पारा शिक्षक आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेंगे.राज्य के सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा सहायक शिक्षकों के दम पर चल रही है. ये शिक्षक पिछले 20 साल से अपनी सेवा दे रहे हैं. इनकी संख्या 60 हजार है. इनमें से 14042 शिक्षक ऐसे हैं, जिनके पास झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा का सर्टिफिकेट भी है. सरकार ने इनके लिए अलग से नियमावली भी बनायी है. जिसमें मानदेय देने की बात कही गयी है. ये शिक्षक अपनी शिक्षक पात्रता और 20 साल के अनुभव के आधार पर मानदेय की जगह वेतनमान की बात कर रहे हैं.

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