बिहार में राज्यपाल की बड़ी कार्रवाई, 7 कुलसचिवों के कार्य पर लगाई रोक

पटना : बिहार में जहां उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के परिवार पर सीबीआई और ईडी की दबिश चल रही है वहीं, इस बीच पूर्व राज्यपाल के समय में हुई गड़बड़ियों पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में नए राज्यपाल ने बिहार के 7 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों के सभी प्रकार को कार्यों और कर्तव्यों के निर्वहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी हैं।
वहीं, भागलपुर विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी और वित्तीय परामर्शी के कार्यों पर रोक लगाई गई हैं। राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने शनिवार को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा; वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा; मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर; मगध विश्वविद्यालय बोधगया; पटना विश्वविद्यालय पटना; मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय पटना और पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय पटना के कुलपतियों को पत्र जारी कर कुलसचिवों के कार्यों पर रोक लगाई है।
बता दें कि बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को एक माह पूर्व पहले मेघालय का राज्यपाल बनाने के बाद हिमाचल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। बिहार का राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के बनने के बाद राजभवन ने बड़ी कार्रवाई की है।
मिली जानकारी के मुताबिक, कई तरह की गड़बड़ियां विश्वविद्यालयों से सामने आ रही थीं जहां रोक लगायी गई है। पत्र में राज्यपाल सचिवालय द्वारा, निर्गत कई आदेशों पर रोक लगाने की बात कही गई है। कहा गया है कि नियुक्ति और पदस्थापित कुलसचिव के सभी कार्यों पर अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है। इसका अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखे पत्र में राज्यपाल के प्रधान सचिव ने कहा है कि वित्त पदाधिकारी के कार्य एवं कर्तव्य निर्वहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है।
उन्होंने कहा है कि वित्त पदाधिकारी (F.O.) कौलेश्वर प्रसाद साह के सभी कार्यों पर अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है। एक अन्य पत्र के जरिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश दिया गया है कि वित्तीय परामर्शी (F.A.) कैलाश राम के सभी कार्यों पर अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है।

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