गजराज पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा,बन रहे शुभ संकेत

रांची : दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों पर चल रही है। शहर में एक से बढ़कर एक आकर्षक पूजा पंडाल का निर्माण कार्य चल रहा है। मां के दरबार को सजाया जा रहा है. 9 दिन के महोत्सव के लिए काशी को तैयार किया जा रहा है. पूजा समितियों के पदाधिकारी क्षेत्रीय युवाओं के साथ बैठक कर रहे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते 2 साल तक दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन बंद रहा. लेकिन इस बार पूजा पंडालों को भव्य बनाने के लिए कारीगर लगे हुए हैं.

भक्तों के लिए अच्छी खबर ये है कि इस बार पूरे नौ दिन की नवरात्र है. नवमी और दशमी एक ही दिन मनाई जाएगी. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी 26 सितंबर से नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है. इस बार प्रतिपदा में चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग की व्याप्ति नहीं होने के कारण दिन भर कलश स्थापना की जा सकती है. यही नहीं इस बार शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और हाथी से ही उनका प्रस्थान भी है. इस बार मां दुर्गा का वाहन हाथी है. माना जाता है कि मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बेहद शुभ है. मां दुर्गा अपने साथ सुख और समृद्धि लेकर आएंगी.

इस बार बन रहा खास संयोग
ज्योतिष के मुताबिक मां का आगमन और प्रस्थान दोनों ही मंगलकारी और कल्याणकारी है. बीएचयू धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर काशी हिंदू परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी के मुताबिक इस बार पूरे नौ दिन मां की उपासना और आराधना चलेगी. इस बार किसी भी तिथि का क्षय नहीं है. हालांकि 4 अक्टूबर यानी नवमी के दिन दोपहर तक ही नवमी मनाई जाएगी. ज्योतिष के मुताबिक दोपहर 1:30 बजे तक ही नवमी है और उसके बाद फिर कालिक दशमी होने के कारण दशहरा भी इसी दिन मनाया जाएगा. कहीं-कहीं पर दशहरे के साथ-साथ नीलकंठ दर्शन, शमी पूजन, अपराजिता पूजन आदि धार्मिक आयोजन भी होते हैं. जो लोग अष्टमी का व्रत रहते हैं उनके लिए उतरती का व्रत तीन अक्टूबर को रखा जाएगा. चार अक्टूबर को सभी व्रती पारन करेंगे. चार अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे तक ही दुर्गा पाठ हवन पूजन और कन्या पूजन किया जाएगा.

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