झारखंड शिक्षा परियोजना ने जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का किया आयोजन
खूंटी: झारखंड शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में सोमवार को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट बालिका विद्यालय के सभागार में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पंचायत स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना और समाज में शिक्षा के स्तर को सशक्त बनाने को लेकर चर्चा करना था।
सम्मेलन का शुभारंभ उपायुक्त लोकेश मिश्रा द्वारा उपस्थित जन प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिला शिक्षा अधीक्षक अभय कुमार शील द्वारा पौधा भेंट कर उपायुक्त समेत जिला परिषद अध्यक्ष श्री मसिह गुड़िया, जिला परिषद उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू देवी, उपाध्यक्ष, जिला मुखिया संघ, श्री लक्ष्मण टूटी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया। जिला शिक्षा अधीक्षक ने स्वागत भाषण देते हुए सभी का स्वागत किया एवं सम्मेलन के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए उपायुक्त ने सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए पंचायत स्तर पर मुखिया समेत सभी स्थानीय जन प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुदृढ़ करने में पंचायतों के मुखिया की जिम्मेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह केवल जिला या प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों से संभव नही है। हमे समन्वय बनाकर पंचायत स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पर जोर देते हुए कार्य करने की आवश्यकता है।
पंचायत के मुखिया विद्यालयों के सही संचालन पर विशेष निगरानी रखे, वह प्रखंड स्तर पर आयोजित विद्यालय प्रबंधन समिति के बैठक में भी भाग लें। साथ हीं 6-14 वर्ष के सभी बच्चों का नामांकन एवं विद्यालय में उनकी सतत उपस्थिति सुनिश्चित कराए। ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए जागरूकता अभियान एवं परामर्श (काउंसलिंग) की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं, जैसे—पाठ्यपुस्तकें, पोषण आहार एवं छात्रवृत्ति के वितरण की निगरानी अवश्य रखे। विद्यालयों के आधारभूत ढांचे का सुदृढ़ीकरण, जिसमें स्वच्छ पेयजल, शौचालय, खेल का मैदान एवं स्मार्ट कक्षाएं का संचालन हो। शिक्षकों की उपस्थिति की नियमित निगरानी एवं विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो। अभिभावकों एवं समुदाय के साथ संवाद स्थापित कर शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
इसके अलावा विद्यालय में अनुशासन को प्राथमिकता दी जाए। जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को मुहैया कराई जा सके। समय पर विद्यालयों का संचालन हो, और शिक्षक उपस्थित रहे। आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना हम समाज की कल्पना भी नही कर सकते है, शिक्षा का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है, अच्छी शिक्षा से हम समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते है। इसलिए पंचायत स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सभी मुखिया एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। अपने संबोधन के दौरान उपायुक्त ने कई उदाहरण देते हुए बताया कि जीवन में शिक्षा कितना महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
वहीं पंचायत स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्रा प्रखंड अंतर्गत लोधम पंचायत की मुखिया श्रीमती मंजुला उरांव, तोरपा प्रखंड अंतर्गत दोड़मा पंचायत की मुखिया श्रीमती अगाथा भेंगरा समेत अन्य मुखिया को मंच पर आमंत्रित कार्य की सराहना करते हुए उपायुक्त द्वारा पुरूस्कृत किया गया।
सम्मेलन में जिला परिषद अध्यक्ष श्री मसिह गुड़िया, जिला परिषद उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू देवी, जिला मुखिया संघ के उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण टूटी, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती आपरूपा चौधरी समेत सभी पंचायत के मुखिया एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। उक्त वक्ताओं ने भी पंचायत स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने, ड्रॉपआउट दर को कम करने, आधारभूत संरचना में सुधार, शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी तथा समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उपायुक्त ने पंचायत प्रतिनिधियों से विद्यालय प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की गई।
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