सुकरीगढ़ा में शिक्षा का अलख जगा रहे है सेवानिवृत्त शिक्षक छुन्नू साव

पिछले 24 वर्षों से निःस्वार्थ भाव से शिक्षा दे रहे  सेवानिवृत्त शिक्षक छुन्नू साव 

1998 में हुए सेवानिवृत्त, बालिकाओं को स्वाबलंबी बनाना हैं लक्ष्य

1952 में सुकरीगढ़ा से मैट्रिक  उत्तीर्ण करने वाले पहले छात्र थे छुन्नू साव 

पेंशन के 10 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा में खर्च करते हैं छुनु साव

सुकरीगढ़ा निवासी सह सेवानिवृत्त शिक्षक छुन्नू साव क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने का कार्य कर रहे है। वे निश्वार्थ भाव से शिक्षा देने का कार्य रहे हैं। उनका सपना है कि क्षेत्र में कोई बच्चा अशिक्षित न रहे। ख़ास कर छात्राएं अशिक्षित न हो। इसी को लेकर उन्होंने लगभग 24 वर्ष पूर्व यहां बालिका उच्च विद्यालय खोलने का काम किये है। ताकि कोई भी छात्रा अनपढ़ न रहे। असहाय बालिकाओ को वे अपने पेंशन से मदद करते हैं। ताकि सभी विद्यालय पहुंचे और शिक्षा ग्रहण करे। इनका कहना है  कि जब तक शरीर मे खून रहेगा तब तक शिक्षा का अलख जगाते रहेंगे।

बालिकाओं की शिक्षा पर है विशेष ध्यान

जी हां बात हो रही हैं सुकरीगढ़ा पंचायत निवासी छुन्नू साव की।  छुन्नू साव  सुकरीगढ़ा में सेवानिवृत्त के 24 वर्षों के बाद भी शिक्षा का अलख जगा रहें हैं। वे 1998 में केबी हाई स्कूल लारी से सेवानिवृत्त हुए हैं। जिसके बाद उन्होंने तय किया कि निःस्वार्थ भाव से पंचायत की बालिकाओं को शिक्षा देंगे। ताकि सभी पढ़ लिखकर बेहतर इंसान के साथ साथ अपने पैरों पर खड़ा होकर स्वावलंबी बन सके। इसी को लेकर उन्होंने सुकरीगढ़ा में बालिका उच्च विद्यालय की स्थापना किया है। ताकि छात्राएं पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ा हो सके। 

क्या कहते हैं छुन्नू साव 

छुन्नू साव का कहना हैं कि जब मै सेवानिवृत्त हुआ तब से मेरा एक ही सोच था निःस्वार्थ भाव से शिक्षा देना। इसी सोच को मैं धरातल पर उतारा। 1998 से अब तक बालिका उच्च विद्यालय सुकरीगढ़ा लारी में हिंदी और भूगोल के विषय का पढ़ाई करवा रहा हूँ। यहां की बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना ही मेरा लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन का दस प्रतिशत राशि बालिकाओं के शिक्षा में खर्च करता आ रहा हूँ। ताकि गरीब बालिकाओं को शिक्षा ग्रहण करने में दिक्कत न हो। छुन्नू साव ने आगे बताया कि रामगढ़ डीसी द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया है। 

रामगढ़ उपायुक्त द्वारा हो चुके है सम्मानित 

छुन्नू साहू ने बताया कि निःस्वार्थ भाव से शिक्षा देने की बात जब रामगढ़ के तत्कालीन उपायुक्त को हुई तो उन्होंने मुझे रामगढ़ स्थित गांधी स्कूल में शिक्षा विभाग के कार्यक्रम के दौरान सम्मानित भी किया। आगे बताया कि केबी हाई स्कूल लारी के संस्थापक शिक्षक  भी हैं। उन्होंने 60 रुपये वेतन से अपने नौकरी की शुरूआत की। अभी छुन्नू साव को 35 हज़ार पेंशन मिलता हैं। 

उच्च पदों पर कार्यरत है छुन्नू साव के छात्र

सेवानिवृत्त शिक्षक छुन्नू साव के पढ़ाए छात्र आज विभिन्न जगहों पर उच्च पदों पर कार्यरत है। कोई बीडीओ तो कोई शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, अधिवक्ता आदि पदों पर कार्य कर रहे हैं। बिजय वर्मा आईआईटी बेंगलोर में जीएम पद पर कार्यरत है, इसके अलावे रेशम लाल अधिवक्ता रामगढ़ कोर्ट, धनेश्वर प्रसाद शिक्षक, डॉ गोविंद सिसई में पशु चिकित्सा पदाधिकारी, केदार महतो इंजीनियर व रवि कुमार वर्मा ईसीएल में पीओ पद पर कार्यरत है। इनलोगो का कहना है कि छुन्नू साव हमेशा छात्रों को मदद किया करते थे। वे हमेशा दूसरों के बारे में अच्छा सोचते थे। और वे चाहते थे कि इस क्षेत्र के लोग आगे बढ़े, और इस क्षेत्र का नाम रौशन करे। 

सूर्य मंदिर के निर्माण को लेकर ढाई डिसमिल जमीन दिए दान में 

सुकरीगढ़ा स्थित छठ तालाब में सूर्य मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक छुन्नू साव ने अपनी ढाई डिसमिल जमीन दान में दे दिया। ताकि यहां भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण हो सके। इसका विधिवत शिलान्यास पिछले छठ पूजा के दौरान किया गया था। वर्तमान में यहां मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। 

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