ब्रह्माकुमारीज के नई पाठशाला का उदघाटन राघोपुर में

राघोपुर प्रखंड के पोष्ट आफिस के पीछे डॉ प्रभात कुमार रंजन के आबास में ब्रह्माकुमारीज के नई पाठशाला का उदघाटन एवं चरित्र निर्माण के लिए आध्यात्मिक कोर्स लगातार 7 दिन चलेंगी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिमराही बाजार के तत्वधान में ।
उक्त पाठशाला का उदघाटन पिता खोलकर एवं शिव झंडोत्तोलन करके किया । कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सिमराही सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी ,समाजसेवी विवेक जायसवाल,डॉ प्रभात कुमार रंजन, ब्यबसायिक अनिल महतो , प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद भगत , डॉ शशिभूषण चौधरी,ब्रह्माकुमारी आस्था बहन, चांदनी बहन,फूल कुमारी ,रागिनी देबि,प्रदीप महासेठ, ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी, इत्यादि ओने संगठित रूप में दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया।

ब्रह्माकुमारिज संस्थान के सिमराही सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी बबिता दीदी जी ने अपने उदबोधन देते हुए कि आध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण वर्तमान समय मानव के अंदर काम ,क्रोध, लोभ, मोह ,अहंकार,ईर्ष्या, ,नफरत आदि राक्षसी प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। जिसके कारण समाज में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं ।उन्होंने बताया अगर हमने अपनी भारतीय पुरानी सभ्यता, संस्कार परंपराएं ,पूर्व जनों की संस्कृति सत्संग के माध्यम से फैलाई नहीं तो इस समाज में चलना, रहना, बैठना ,उठना जीना बड़ा ही मुश्किल महसूस हो सकता है ।उन्होंने जीवन में सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि सत्संग के द्वारा प्राप्त शक्तियां ,सद्गुण ,विवेक ही हमारी असली संपत्ति है। जिससे हम अपने कर्मों में सुधार ला सकते हैं ।

कार्यक्रम मे डा. प्रभात कुमार रंजन जी ने अपने उद्बोधन देते हुए कहा कि सत्संग से प्राप्त ज्ञान द्वारा ही हम अपने जीवन को सकारात्मक बनाकर तनाव मुक्ति जीवन जी सकते हैं ।उन्होंने बताया कि वर्तमान की इस तनावपूर्ण युग में स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा इस धरती पर अवतरित हो चुके हैं यह ब्रह्माकुमारीयो का कहना है। इसलिए हम सभी को सहज ज्ञान और राजयोग के अभ्यास द्वारा और सकारात्मक विचार की कला द्वारा तनाव मुक्ति रहने के कला सीखना चाहिए। उन्होंने बताया कि राजयोग का अभ्यास द्वारा ही हम अपने कर्म इंद्रियों पर काबू पा सकते हैं।

स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी जी ने सत्संग में पधारे ईश्वरिय प्रेमी भाई /बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि भौतिक युग में स्थाई सुख और शांति के लिए सत्संग बहुत आवश्यक है ।सत्संग के माध्यम से हमें इस संसार में किस तरह से जीना है, क्या बात करनी है वह कहनी है ।आपस में कैसे व्यवहार करना है इसका ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने बताया सत्संग से प्राप्त दिव्य ज्ञान के द्वारा हम अपने व्यवहार में निखार ला कर एक सद्गुणी इंसान बन सकते हैं ।

उक्त कार्यक्रमका संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी ने किया। मौके पर डॉ प्रभात कुमार रंजन, अनिल महतो, बिबेक जयसवाल , बबीता दीदी ,ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी , प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद भगत ,डॉ शशि भूषण चौधरी, आस्था बहन ,चाँदनी बहन ,फूल कुमारी देवी,रागिनी देबि, विनोद कुमार, अरुण चौधरी, भूषण कुमार, मनोज कुमार इत्यादि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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