चीतलों व सांभरों के कुलांचे देखना हो तो चले आइए खूंटी के बिरसा मृग विहार

रांची: प्राकृतिक सौंदर्य के प्रेमियों के लिए प्रकृति ने खूंटी जिला को पर्यटन स्थल के रुप में अनेक अनुपम उपहार दिये हैं। इन उपहारों में पंचघाघ जलप्रपात, पेंरवां घाघ, रानी फाॅल, बिरसा मृग विहार, तजना डैम, पेलौल डैम, लटरजंग डैम व आम्रेश्वर धाम प्रमुख हैं। इन स्थलों पर सालों भर पर्यटक आते हैं।
बिरसा मृग विहार में बच्चों के मनोरंजन के लिए एडवेंचर पार्क बनाया गया है। एडवेंचर पार्क में कमांडो नेट, वर्मा ब्रिज, मल्टी वैन, ट्रेप्पोलिन, फ्लाइंग वाल, फ्लाइंग नेट, कारगो नेट, टायर स्विंग, जूम बाइक, हेमोक्स व हॉरिजेंटल लेडर लगाए गए हैं। बच्चे मस्ती के साथ कलाबाजी कर सकते हैं।
बिरसा मृग विहार खूंटी जिला अंतर्गत खूंटी-रांची मुख्य मार्ग के किमारे कालामाटी गांव के एक खूबसूरत जंगल में स्थित है। बिरसा मृग विहार अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से रांची और खूंटी के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है।
रांची-खूंटी मार्ग के मध्य में लगभग 54 एकड़ भू-भाग में फैला बिरसा मृग विहार में हिरणों को कुलांचे भरते देखने का आनंद प्राप्त किया जा सकता है। इसका प्राकृतिक सौंदर्य आकर्षक है। चीतल तथा सांभर बिरसा मृग विहार के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। इसके अलावा उद्यान में फूलों का पार्क भी है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है।

जिला प्रशासन द्वारा उक्त पर्यटन स्थलों के विकास की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। विकास के कार्य क्रियान्वित हैं। साथ ही पर्यटकों के मनोरंजन के लिए आवश्यक साधनों की भी व्यवस्था की जा रही हैं।
बिरसा मृग विहार में पूरे दिन आनंद लेने के लिए पांच रुपए का प्रवेश टिकट लेना होता है। यह उद्यान परिसर गुरुवार को बंद रहता है। बिरसा मृग बिहार में सुविधाओं की कोई कमी नहीं है।
उद्यान परिसर के बाहर पार्किंग तो अंदर में कैंटिन की सुविधा है। इसके अलावा परिसर में जगह-जगह पीने का पानी और महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय की भी व्यवस्था है। परिसर में वाच टावर हैं, जहां से पर्यटक पूरे उद्यान को निहार सकते हैं। उद्यान परिसर में फाउंटेन भी लगे हैं जो लोगों को आकर्षित करती है। उद्यान परिसर के भीतर मृगों के पानी पीने के लिए एक चेक डैम का निर्माण भी किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *