निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण से वंचित, सरकार है जिम्मेदार: सुदेश

रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण का लाभ मिले, इसके लिए सरकार ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। राज्‍य में ओबीसी आरक्षण के बगैर नगर निकाय चुनाव कराने संबंधी प्रस्ताव पर कैबिनेट मंजूरी से यह साफ हो गया है। कैबिनेट के फैसले के अनुसार निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को अनारक्षित श्रेणी माना जायेगा। इसी आधार पर वर्ष 2023 में चुनाव कराया जायेगा।

राज्य में इसी साल पंचायत चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण के हुआ था। पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित विभिन्न स्तर के हजारों पदों को समाप्त कर दिया गया। अगर राज्य सरकार ट्रिपल टेस्ट कराने की नियत रखती, तो यह हकमारी नहीं होती।

इसके बाद अंदेशा था कि निकाय चुनाव में भी ओबीसी को आरक्षण से वंचित होना पड़ेगा। और ऐसा ही हुआ।

आजसू प्रमुख ने कहा है कि विधानसभा के बजट सत्र और‌ सदन के बाहर हम और हमारी पार्टी इस बात पर जोर देती रही कि पंचायत चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराए जाएं। जब लंबे समय तक पंचायत चुनाव टाला गया, तो और कुछ महीनों में ट्रिपल टेस्ट कराकर चुनाव हो। लेकिन सरकार ने सिरे से इनकार कर दिया। झारखंड में वैसे भी ओबीसी को महज 14 फीसदी आरक्षण हासिल है। जबकि इस वर्ग की आबादी लगभग 51 फीसदी है। राज्य में पिछड़ा आरक्षण बढ़ाने की मांग पुरानी है और सरकार ने पंचायत तथा नगर निकाय चुनाव में गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया है।

पिछले दिनों सरकार ने एसटी एससी और ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट में मंजूरी दी है, लेकिन उसे व्यवहार में लाने अथवा प्रस्ताव को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। जबकि राज्य की बड़ी आबादी को इस‌ फैसले पर अमल का बेसब्री से इंतजार है।

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