दिल्ली के साथ कदमताल कर रहा झारखंड, डब्लूएचओ के मानकों पर राज्य का कोई भी जिला खरा नहीं उतरता

गणादेश डेस्कः वायु प्रदूषण के मामले में झारखंड दिल्ली के साथ कदमताल कर रहा है। स्विस संगठन आइक्यूएयर की हालिया रिपोर्ट ने देश-दुनिया में बढ़ते प्रदूषण की स्थिति को दर्शाते हुए चेताया भी है। आइक्यूएयर की रिपोर्ट ने दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहरों में पहले पायदान पर रखा है। झारखंड जैसे झाड़-जंगल वाले प्रदेश में भी पीएम-2.5 का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में भारत का कोई भी शहर डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता मानकों, पांच माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) पर खरा नहीं उतरा है। डब्ल्यूएचओ ने पीएम 2.5 के लिए यही स्तर तय किया है। वायु प्रदूषण पर आधारित आइक्यूएयर की विस्तृत रिपोर्ट 117 देशों के 6475 शहरों के अध्ययन पर आधारित है। झारखंड के विभिन्न जिलों में पीएम-2.5 का स्तर 35-60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच है। जो डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरा नहीं उतरता है।
सबसे खराब आबोहवा साहिबगंज की
झारखंड में सबसे खराब आबोहवा साहिबगंज की है। यहां पीएम-2.5 का स्तर 60.2 एमजीसीएम रहा है। जो कि डब्यूएचओ के तय मानकों का 12 गुना है। इस कड़ी में जमशेदपुर का स्तर 44.2 (तय मानक का 8.8 गुना), धनबाद का 43.2 (तय मानक का 8.6 गुना), सरायकेला का 42.2 (तय मानक का 8.4 गुना), बोकारो और चाईबासा का 40.2 (तय मानक का 8 गुना), कोडरमा का (तय मानक का 7.8 गुना), रांची, हजारीबाग व लातेहार का 38.2 (तय मानक का 7.6 गुना) और लोहरदगा का 36.2 (तय मानक का 7.2 गुना) है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *