शाहाबाद में वोटरों की उदासीनता से राजनीतिक दलों में खलबली

अनूप कुमार सिंह*
पटना।बिहार में शाहाबाद की चर्चित भूमि पर चुनावी महासंग्राम तेज हो गया है। केन्द्रीय मंत्री और कई वरिष्ठ नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।दिलचस्प बात तो यह है कि शाहाबाद में जनता धरती पर बैठी है!नभ में मंच खड़ा है!जो जिससे जितना दूर वह उतना बड़ा है!जी हां,जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो शाहाबाद की वीर भूमि पर वोटरों में उदासीनता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।जिला मुख्यालय हो या प्रखंड कार्यालय।लगभग सभी इलाकों में मतदाता बिल्कुल उत्साह में नहीं दिख रहे हैं। वोटरों में अपने उम्मीदवारों को लेकर चेहरे पर खुशी नहीं दिख रही है।गौरतलब हो कि शाहाबाद में चार लोकसभा क्षेत्र आते हैं। जिसमें आरा,बक्सर,सासाराम व काराकाट लोकसभा क्षेत्र हैं।आरा में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह एनडीए से तीसरी बार चुनावी महासंग्राम में महागठबंधन के सुदामा प्रसाद से आमने सामने की टक्कर में हैं। वहीं बक्सर में महागठबंधन ने इस बार राजद प्रदेश अध्यक्ष के बड़े पुत्र पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को एनडीए प्रत्याशी मिथलेश तिवारी के खिलाफ महामुकाबला के लिए उतारा है।वहीं निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्रा ने एनडीए उम्मीदवार की नींद हराम कर दी है।चौकाने वाली बात तो यह है कि काराकाट से जहां एनडीए उम्मीदवार उपेन्द्र कुशवाहा की प्रतिष्ठा पूरी तरह दाव पर लगी है।वहां बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे व चर्चित भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी महासंग्राम को दिलचस्प बना दिया है।बीजेपी से बगावत कर पवन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में काराकाट से चुनावी महासमर में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पवन सिंह के कारण एनडीए गठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हालांकि अभी भी बीजेपी आलाकमान पवन सिंह को मानने के लिए कोशिश कर रहा है।लेकिन काराकाट की जनता में इस बात की चर्चा हो रही है कि अगर बीजेपी ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो कुशवाहा वोटरों की नाराजगी एनडीए को झेलनी पड़ सकती है।बहरहाल काराकाट ही नहीं पूरे शाहाबाद में कई कुशवाहा नेताओं व वोटरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर गणादेश को बताया कि पवन सिंह के कारण बीजेपी व एनडीए को पूरे बिहार में परेशानी हो सकती है।उनका कहना है कि जब बीजेपी मनीष कश्यप को मैनेज कर सकती है तो क्या पवन सिंह को समझा नहीं सकती। हालांकि एनडीए गठबंधन के नेता इसे साजिश बताते हैं। उन्हें अपने फायर ब्रांड नेता नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है कि उनकी रैली होते ही सब कुछ अच्छा हो जायेगा।लेकिन शाहाबाद के कई इलाकों में मतदाता उदासीन हैं।कई दलों से नाराज भी दिख रहे हैं।भोजपुर जिले के सन्देश प्रखण्ड अंतर्गत तीर्थकौल निवासी व राष्ट्रवादी किसान महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवेंद्र सिंह की मानें तो इलाके के किसानों में मायूसी छा गई है।भोजपुर के किसान इस बार फसल बर्बाद होने के कारण बहुत परेशान हैं।कोईलवर रजवाहा में पानी नहीं आने के कारण धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।वहीं दलहन व तेलहन भी बेमौसम बारिश के कारण खराब हो गया।संदेश व भोजपुर के किसान जिल्लत व जलालत की जिन्दगी जीने को विवश हैं।अहपुरा निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन सिंह की मानें तो इलाके में वोटरों में उदासीनता स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।सिर्फ चुनाव के समय नेता हाल पूछने आते हैं।उसके बाद कोई सहारा नहीं है। बालू के अवैध खनन से पूरा इलाका परेशान है।बालू माफिया के आतंक से संदेश इलाके में जनता जान हथेली पर रखकर सफर करती है।कई गावों में तो वोट के बहिष्कार की बातें चर्चा का विषय बन रही है।

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