गणादेश खासः आइएएस, आअपीएस, आइएफएस के सिर चढ़ कर बोल रहा काला कोट का जादू…..

रिटायरमेंट के बाद कर रहे हैं वकालत, कई करने को हैं बेताब
रांचीः झारखंड में आईएएस, आइपीएस , आइएफएस के अलावा अन्य अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के सिर चढ़ कर काला कोट का जादू बोल रहा है। रिटायरमेंट के बाद कई साहब वकालत कर रहे हैं। अपने मुवक्किल को न्याय दिला रहे हैं। प्लाइंट टू प्वाइंट अदालत में बहस कर रहे हैं। वहीं कई अफसर वकालत करने को भी बेताब हैं। वकालत एक ऐसा पेशा है जिसमें अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को अपने अनुभवों को एक साथ इस्तेमाल करने का अवसर भी मिलता है। पूर्व चीफ सेक्रेट्री अशोक कुमार सिंह, पीपी शर्मा आदि ने नौकरी के दौरान ही वकालत की पढ़ाई की। पीपी शर्मा ने एक-दो मामलों के बाद कोर्ट से संबंधित मामलों में अधिक रूचि नहीं ली और जल्द ही प्रैक्टिस छोड़ गए। फिलहाल पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार सिंह वकालत कर रहे हैं। कई विभागों के पैनल में नामजद अधिवक्ता हैं। वहीं झारखंड कैडर के आइएफएस अफसर एनके सिंह, शैलजा सिंह, राजीव रंजन भी इस पेशे में हैं। जीएसटी में अधीक्षक अमित सिन्हा, आइआरएस संजीत कुमार, वरीय आडिट अधिकारी प्रभाष वर्धवाल, डीजीपी नीरज सिन्हा, डीआइजी अखिलेश झा, खान विभाग में कार्यरत विजय कुमार ओझा को भी एलएलबी की पढ़ाई के लिए कार्मिक विभाग की अनुमति मिल चुकी है। फिलहाल डीडीपी नीरज सिन्हा सहित एक दर्जन से अधिक आइएएस, आइपीएस व आइएफएस एलएलबी करने की तैयारी में जुटे हैं।

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