गणादेश खासः बालू घाट के पेंच ने छिन लिया रोजगार, झारखंड में दो लाख लोगों को दो जून की रोटी पर आफत,10 हजार हाइवा,ट्रक, ट्रैक्टर के पहिए थमे

रांचीः बालू घाट के पेंच ने झारखंड के दो लाख से अधिक लोगं को झकझोर कर रख दिया है। दो लाख से अधिक लोगों को दो जून की रोटी पर भी आफत हो गई है। वहीं बालू उठाव में लगे 10 हजार से अधिक हाइवा, टर्बो, ट्रक और ट्रैक्टर के भी पहिए थम सा गया है। राज्य में हर दिन 654 बालू घाटों से लाखों सीएफटी बालू का उठाव होता है। पूरे राज्य में बालू घाटों में बालू उठाव से लेकर लोडिंग अनलोडिंग में दो लाख से अधिक मजदूर लगते हैं। एक बालू घाट में चार से छह लोडिंग प्लाइंट होते हैं। जिसमें 250 से 300 मजदूर लगे रहते हैं। इस हिसाब से राज्य के 654 बालू घाटों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिलता है। लेकिन यह पूरी तरह से ठप है। इधर बालू घाटों की टेंडर की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। उधर 15 जून से एनजीटी भी बालू के उठाव पर रोक लगा देगा।
बड़ा सवाल आखिर दो लाख मजदूरों को कैसे मिलेगा रोजगार
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि बालू घाटों में लोडिंग से लेकर अनलोडिंग में लगे दो लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार कैसे मिलेगा। गाड़ियों के पहियों थमने से ड्राइवर खलासी भी बेकार हो गए हैं। रांची सहित सभी जिलों में बालू उठाव में लगभग छोड़ी बड़े 10 हजार वाहन वगे रहते हैं। राजधानी रांची में हर दिन 350 से 400 छोटी बड़ी गाड़ियों में बालू का उठाव होता है। वहीं बालू उठाव से कोल ट्रेडिंग करने वाली एजेंसी झारखंड राज्य खनिज विकास निगम पूरी तरह से शिथिल पड़ गई है। जेएसएमडीसी ने पिछले तीन साल में सिर्फ 17 बालू घाटों के लिए एमडीओ का प्रावधान किया है। वहीं पिछले पांच साल में सरकार ने बालू को लेकर कोई भी स्पष्ट नीति नहीं बनाई है।
इन परियोजनाओं के बंद होने से 10 हजार से अधिक हो गए बेरोजगार
जेएसएमडीसी की 13 परियोजनाएं 10 परियोजनाओं के बंद होने से 10 हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं। सिंकनी कोल परियोजना फरवरी 2019 से लगातार बंद है. निगम की बेंती बाग्दा परियोजना, खमारबाद बांसकुपी परियोजना कोल परियोजना, कायनाइट परियोजना बहरागोड़ा, बेंती-बाग्दा लाइम स्टोन प्रोजेक्ट, सेमूरा सालनतुआ लाइम स्टोन प्रोजेक्ट, तुपुदाना ग्रैफाइट परियोजना, कोल ट्रेडिंग, विश्रामपुर ग्रेफाइट प्रोजेक्ट, चेलंगी ग्रनाइट प्रोजेक्ट जैसे प्रोजेक्ट बंद हो गये हैं. कोल ट्रेडिंग के तहत जेएसएमडीसी ने 2016-17 तक 919293.23 मिलियन टन थी. अब तो कोल ट्रेडिंग भी बंद हो गयी है.
जेएसएमडीसी के प्रोजेक्ट कब से हैं बंद
सिकनी कोलियरी, लातेहार 2012-13 से उत्पादन बंद, फरवरी 2019 से सब काम प्रभावित
खमारबाद बांसकुपी कोल परियोजना 2012-13 से बंद
चंदुला स्टोन प्रोजेक्ट, साहेबगंज 20 साल से बंद
बेंती-बाग्दा लाइम स्टोन प्रोजेक्ट 2013-14 से उत्पादन बंद
सेमरा सलनतुआ लाइम स्टोन 2013-14 से उत्पादन बंद
तुपुदाना ग्रेफाइट प्लांट 2015-16 से बंद
तुपुदाना ग्रेफाइट प्लांट 2011-12 से बंद
विश्रामपुर ग्रेफाइट प्रोजेक्ट पलामू 2013-14 से बंद
चेलांगी ग्रेनाइट प्रोजेक्ट 2014-15 से बंद
कायनाइट परियोजना बहरागोड़ा उत्पादन बंद
क्या कहते हैं झारखंड बालू ट्रक एसोसिएशन के महासचिव
झारखंड बालू ट्रक एसोशिएशन के महासचिव मोइज अख्तर ने बताया कि जेएसएमडीसी वे पिछले तीन साल में सिर्फ 17 वैध बालू घाटों का एमडीओ का प्रावधान किया है। वहीं पिछले पांच साल से बालू को लेकर स्पष्ट नीति नहीं बन पाई है। लगभग दो लाख से अधिक मजदूर भुखमरी की दहलीज पर आ गए हैं।

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