गणादेश खासः ईडी की इंड्री से झारखंड में फंस गया 5000 करोड़ का टेंडर

7000 करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट हो गय़ा सुस्त
ब्यूरोक्रेसी असमंजस में, वेट एंड वॉच पर निकलता जा रहा दिन पर दिन
रांचीः झारखंड में ईडी की इंड्री से विकास योजनाओं की गति धीमी हो गई है। राज्य नें लगभग 7000 करोड़ के प्रोजेक्ट की चाल धीमी हो गई है। वहीं विकास योजनाओं के लिए लगभग 5000 करोड़ का टेंडर भी फंस गया है। राज्य के ब्यूरोक्रेटेस और अफसर इस स्थिति को लेकर असमंजस में हैं। यह स्थिति ईडी जांच और हाईकोर्ट में चल रहे तीन मामलों को लेकर बन गई है। अफसर की बीच असमंजस की स्थिति यह है कि बड़े प्रोजेक्ट का काम शुरू कराया जाए या नहीं। जानकारी के अनुसार कई विभागों के हेड ने बड़ा निर्णय लेने के लिए मौखिक रूप से रोक लगा दी है।जलसंसाधन विभाग में 2300 करोड़,नगर विकास विभाग में 2000 करोड़, पथ निर्माण नें 500 करोड़, पेयजल विभाग में 1700 करोड़, ग्रामीण कार्य विभाग में 300 करोड़ और ग्रामीण विकास विभाग में 200 करोड़ के चल रहे प्रोजेक्ट का काम धीमा हो गया है। बताते चलें कि झारखंड में छह मई को ईडी की इंट्री हुई थी। इसके बाद से सभी विभागों में काम की रफ्तार धीमी हो गई।
5000 करोड़ का टेंडर फंसा
विकास योजनाओं के लिए लगभग 5000 करोड़ का टेंड फंस गया है। जानकारी के अनुसार जल संसाधन, पेयजल और स्वच्छता विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन और पर्यावरण विभाग में कई टेंडर होने वाले थे। लेकिन इस पर भी ब्रेक लग गया है। जल संसाधन विभाग में देवघर के मसलिया में पाइपलाइन सिंचाई परियोजना का 1300 का काम एलवन होने के बाद भी एलएनटी को नहीं मिल पा रहा है. इसे फिलहाल स्थगित कर के रखा गया है. हर घर नल जल योजना का 1700 करोड़ रुपये का काम फंस गया है.
नीलामी भी रूकी
इडी की इंड्री से नीलमी भी रूर गई है। नगर विकास विभाग के तहत स्मार्ट सिटी परिसर में मंत्रियों का बंगला, स्मार्ट सिटी कैंपस में जमीन की नीलामी पर ब्रेक लग गया है। इस प्रोजेक्ट में 100 करोड़ से उपर की नीलामी होनी थी। अब तक सिर्फ 11 प्लॉटों की ही नीलामी हुई है। स्मार्ट सिटी का 2000 करोड़ रुपये काम धीमा हो गया है। इस प्रोजेक्ट में एलएनटी, शापूरजी पालोनजी जिंदल, नागार्जुन जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। देवघर से लेकर दुमका वासुकीनाथ के एनएच का 148 करोड़ का सड़क निर्माण का काम रूक गया है.

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