मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट से भी देश की जनता को भारी निराशा हाथ लगी है: डॉ रामेश्वर उरांव
रांची: झारखण्ड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट से भी देश की जनता को भारी निराशा हाथ लगी है। सरकार इस अंतिम पूर्ण बजट के जरिए कोरोना काल के बाद आम लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास कर सकती थी लेकिन सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा बजट में घोषणाऐं जरूर अच्छी होती है लेकिन घोषणाओं के आधार पर हम इसके अच्छाइयों का मूल्यांकन इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि पिछली घोषणाओं पर कितना क्रियान्वयन हुआ है और देश आज कहां खड़ा है यह सबके सामने है। अगर मोदी सरकार के कार्यकाल का मूल्यांकन करें तो सरकार पास मार्क्स भी नहीं ला पाई है। उदाहरण के तौर पर हम 12000 किलोमीटर सड़क का निर्माण करने की घोषणा की गई थी लेकिन जनवरी तक मात्र 53 सौ किलोमीटर सड़क ही बन पाई, 400 वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ करने की घोषणा भी धरी की धरी रह गई और जनवरी तक मात्र 8 ट्रेनें ही चालू की जा सकी है।
डा रामेश्वर उरांव केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गये बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा इनकम टैक्स राहत के मामले में सरकार ने मध्यमवर्गीय एवं सैलरी क्लास को सिर्फ झुनझुना पकड़ाया है। अमृत काल में देश अमृत के लिए तरस रहा है, युवाओं, किसानों के लिए, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में कुछ भी नहीं किया गया है।बजट में अन्नदाताओं को उम्मीद थी कि एमएसपी को लेकर सरकार कोई बड़ा प्रावधान कर सकती है लेकिन यहां भी किसानों को भारी निराशा हुई है जो देश के हित के लिए अच्छे नहीं हैं।