उच्च शिक्षा विभाग के सचिव विश्वविद्यालय के स्वायत्तता पर कर रहे हैं हमला: डॉ. अटल पांडेय

रांची: रांची विश्वविद्यालय के पूर्व सीनेट सह सिंडीकेट सदस्य डॉ. अटल पाण्डेय ने झारखंड राज्य के राज्यपाल के कार्यालय को पत्र लिखकर डॉ अनमोल कुमार लाल को उच्च शिक्षा विभाग में उप निदेशक के पद से अविलंब हटाने की मांग की है।
उनका कहना है कि डॉक्टर अनमोल कुमार लाल अपनी सेवा अवधि तीन वर्ष को पूर्ण कर चुके हैं। परंतु राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा उन्हें 3 महीने का अवधि विस्तार दिया गया है जो की सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के 19/ 12 /2019 लिए गए निर्णय जिसमें स्पष्ट है कि वैसे उपनिदेशक जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि 3 वर्ष पूरी हो जाती है, वह तीन और वर्षों की सेवा अवधि पूरी होने की तिथि से स्वत विरमित समझे जाएंगे तथा मूल महाविद्यालय/विश्वविद्यालय में अपना योगदान समर्पित करते हुए निदेशालय को सूचित करेंगे। भविष्य में यह आदेश स्वत: लागू समझा जाएगा। तो क्या इस निर्णय के विरुद्ध जाकर सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री को अंधेरे में रखकर उनकी सहमति से डॉ अनमोल कुमार लाल को सेवा अवधि विस्तार प्रदान कर दी गई है। तो सरकार से हमारा प्रश्न है कि क्या उच्च शिक्षा विभाग सरकार के ही निर्देशों का उल्लंघन कर रही है?
आगे उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्था है जिसमें बिना विश्वविद्यालय के अनुमति के बाहरी हस्तक्षेप नहीं होता है तो उच्च शिक्षा सचिव बिना विश्वविद्यालय के अनुमति के डॉक्टर अनमोल कुमार लाल को किस आधार पर सेवा विस्तार दिए हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग के सचिव और उप सचिव डॉक्टर अनमोल कुमार लाल के बीच कुछ साथ घाट हो गई है और इनका वसूली का धंधा जोरों से फल फूल रहा है अगर ऐसा नहीं है तो विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा बार-बार वापसी की मांग किए जाने और कल विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन तथा अन्य लोगों के भारी विरोध के बावजूद डॉक्टर अनमोल लाल को उसे शिक्षा विभाग मुक्ति क्यों नहीं कर रही है उन्होंने महामहिम महोदय से गुहार लगाई है के विश्वविद्यालय की स्वायत्तता की रक्षा की जाए एवं सरकार को उच्च शिक्षा सचिव जो सरकार एवं मंत्री को अंधेरे में रखकर विश्वविद्यालय के नियम और परिनियम से खिलवाड़ कर रहें हैं, यह सीधा सीधा पद के दुरुपयोग का मामला है, इनके विरुद्ध समुचित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करने का आग्रह किया है।

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