खूंटी के मारंगहादा एवं चलकद में आसवन ईकाई का किया अधिष्ठापन

खूंटी: जिला प्रशासन की पहल पर विशेष केंद्रीय सहायता मद से अड़की प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चलकद गांव में एक टन क्षमता वाली डिस्टलेशन यूनिट का अधिष्ठापन किया गया है।
लेमन ग्रास की खेती का विस्तार जिले में स्वयं सहायता समूह के जरिए हो रहा है। इससे समूह की महिलाओं, लोगों को अच्छा रोजगार मिल रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा लोगों में लेमनग्रास समेत अन्य औषधीय व सगंध पौधों के प्रति बढ़ते रूचि को देखते हुए खूंटी सदर प्रखंड के मारंगहादा, अड़की के मदहातू पंचायत के चलकद गांव में आसवन ईकाई का अधिष्ठापन कर दिया गया है। लेमनग्रास आसवन ईकाई का सफल संचालन करने का अभ्यास किया गया है।
मारंगहादा में लगे नए आसवन ईकाई का संचालन जेएसएलपीएस के माध्यम से विकास आजीविका उत्पादक समुह की दीदियों के द्वारा किया जाना है।

इससे जिले में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा मिला है। बाजार व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है । लेमन ग्रास और जेरेनियम से भी अब सहजता से तेल निकालने का काम किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त असवन ईकाई कर्रा के किसान पाठशाला में अधिष्ठापित करने की प्रक्रिया भी चल रही है। इन आसवन ईकाईयों में लेमनग्रास, पामारोजा, जेरेनियम, पचौली, गेंदा फुल आदि के तेल निकाले जा सकेंगे।
चलकद में ग्रामीण प्रशिक्षण प्राप्त कर तेल निकालने की पूरी प्रक्रिया से अवगत हुए हैं। आसवन इकाई के अधिष्ठापन से किसान व्यापक स्तर लेमनग्रास की खेती करने को लेकर किसान प्रोत्साहित हुए हैं।

लेमन ग्रास की खेती में बहुत खर्च नहीं लगता है। इस पर बेहद कम लागत आती है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक हेक्टेयर में बीज से लेकर खाद और सिंचाई तक कुल खर्च करीब 30 हजार आता है। पहले साल में एक हेक्टयेर में करीब 100 लीटर तेल निकलता है। वर्तमान दर की बात करें तो 1000 रुपये प्रति लीटर से भी अधिक कीमत पर बिक्री की जा रही है।
चलकद के ग्रामप्रधान अब्राहम बताते हैं कि किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, इससे अब वो आस – पास के किसानों को भी प्रशिक्षित करेंगे।

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