केंद्रीय मंत्री सह सांसद अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में हुई दिशा की बैठक,विभिन्न योजनाओं का लिया जायजा

खूंटी: समाहरणालय सभागार में सांसद सह केंद्रीय अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति ‘दिशा’ की बैठक आयोजित हुई। बैठक में खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, तोरपा विधायक कोचे मुंडा, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, वन प्रमण्डल पदाधिकारी, जिला परिषद अध्यक्ष, सभी प्रमुख एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक के दौरान जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गयी। साथ ही पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन के सम्बंध में बिंदुवार समीक्षा कर विचार- विमर्श किया गया। मौके पर उपायुक्त द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की प्रगति के सम्बंध में जानकारी दी गयी।
इस दौरान योजनाओं के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति व क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही बैठक में उप विकास आयुक्त ने विभिन्न योजनाओं के तहत जिले में हुए विकास कार्यों पर विस्तार से जानकारी साझा की गई।
बैठक के दौरान जिले में चल रहे विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए उन्‍होंने निर्देशित किया कि अगली बैठक में कार्य योजनाओं विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें, ताकि विभिन्न इलाकों में जो भी आवश्यक होगा उसका उचित विश्लेषण किया जा सके।
बैठक में समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले में विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों में आ रही कमियों को भी अंकित किया गया। इसपर माननीय केंद्रीय मंत्री एवं उपायुक्त द्वारा सम्बन्धित को लक्ष्य आधारित कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। साथ ही निर्देशित किया गया कि सभी प्रखंडो में आयोजित बैठकों में सभी प्रमुख को सम्मिलित करते हुए क्षेत्र के विकास से सम्बंधित कार्य किये जाय।
बैठक के दौरान विभागों द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री ने निर्देशित किया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष की योजनाओं को ससमय पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
उप विकास आयुक्त द्वारा मनरेगा अंतर्गत चालू योजनाओं व सभी अन्य योजनाओं की जानकारी विस्तार में दी गई।
इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग व अन्य विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों पर विशेष विचार विमर्श किया गया। माननीय केंद्रीय मंत्री द्वारा निर्देश दिए गए कि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसमें ड्रॉपआउट बच्चों का आकलन करते हुए विद्यालय में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से जिले के आदर्श विद्यालयों के वर्तमान स्थिति की जानकारी ली गई। उन्होंने निर्देश दिए कि मॉडल स्कूल में शिक्षण प्रणाली को और बेहतर बनाया जाय। साथ ही ग्राम सभा के माध्यम से बच्चों को स्कूल से जोड़ने का प्रयास करें। साथ ही विशेष रूप से बच्चों को लर्निंग एवं अर्निंग को लेकर उनका विकास सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।

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