आरा सदर अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे बेसहारा मरीज
अनूप कुमार सिंह
भोजपुर(आरा)”अपनों ने ठुकराया,अब ईश्वर ही सहारा!भोजपुर जिले के आरा मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे बेसहारा मरीज की दास्तां है।हैरत की बात तो यह है कि बेसहारा मदन चौधरी जो अपना नाम भी सही तरीके से बताने में असमर्थ हैं।इनको परिजनों ने ही सदर अस्पताल में छोड़कर भाग गए हैं।जिनका एक पैर पूरी तरह से गल चुका है।वहीं दूसरा पैर भी पूरी तरह से जख्मी हालत में है।बदन भी पूरी तरह से लहू लुहान हो चुका है।कई दिनों से भोजन भी नहीं मिल पाया है।अब चौधरी जी अपनी जिन्दगी से हार चुके हैं।इनका अब कोई सहारा नहीं बचा तो ईश्वर से मौत की कामना करते हुए, अपने अंतिम दोनों में तारणहार के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं।वर्तमान परिवेश में ऐसे कई उदाहरण आरा सदर अस्पताल में आपको मिलेंगे।जिनके परिजनों ने ही उन्हें बेसहारा छोड़ कर जिन्दगी के अंतिम क्षण में भगवान भरोसे छोड़ दिया है।ऐसा ही एक मामला बेगमपुर का भी है।शहर के रामगरिया
आरा मिराचक बेगपुर के रहनेवाली इस लाचार घायल पीड़ित बेसहारा महिला को इसकी अपनी सगी बहन उमि॔ला देवी पति बबन सोनार उर्फ बबन साव ने ही सदर अस्पताल में छोड़कर भाग गए हैं। पिछले दो सप्ताह से महिला जिन्दगी और मौत से जूझ रहीं है। इसके बाद कोई देखने सुनने वाला नही है। जबकि घायल महिला की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक है।बोलचाल में अपने बारे में वो बता रही हैं कि वे सोनार समुदाय साव बिरादरी से तालुक रखती है।उक्त बेसहारा महिला मरीज का नाम आशा देवी है।जिनके पति पिछले 30 साल पहले गुजर चुके हैं।इनका ससुराल आरा मिल्की में है।कुछ संपत्ति इनके मैके में अपनी मां से मिला है। कोईलवर प्रखंड की बलहरपुर गांव है।जो जमालपुर के समीप स्थित है।जो दौलतपुर पंचायत की निवासी हैं।जिसका अपना सगा एक बेटा है।जो पंजाब में तीन साल से काम करता है।घायल महिला अभी सर्जिकल वार्ड में भर्ती हैं।लेकिन विडंबना यह है कि कोई भी परिजन इन्हें देखने वाला नहीं है।आशा आज भी जिन्दगी व मौत से जूझ रहीं हैं।महिला व बेसहारा मरीजों का इलाज समाजसेवी अमरदीप कुमार जय अपने स्तर से टीम मदर टेरेसा सेवाकमी॔ भोजपुर आरा के सेवाकमी॔ व संत रविदास जनसेवा संगठन भोजपुर आरा से जुड़े हुए लोगों के सहयोग से अपने टीम के साथ करवा रहें हैं। वहीं आरा सदर अस्पताल में अनियमितता व कुव्यवस्था के कारण मरीजों के इलाज में काफी परेशानी आना स्वाभाविक है।जिसमें बदलाव लाने की जरुरत है।