वन-धन केंद्रों को विकसित कर आजीविका वृद्धि हेतु किये जायेंगे कार्य: उपायुक्त
खूंटी: उपायुक्त लोकेश मिश्रा की अध्यक्षता में वन धन योजना से सम्बंधित बैठक हुई। इस दौरान वन धन विकास केंद्रों द्वारा किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में चर्चा की गई।
मौके पर डीपीएम जे.एस. एल.पी.एस द्वारा बताया गया कि खूँटी जिले के सदर प्रखंड के सिलादोन गांव एवं मुरहू प्रखण्ड अंतर्गत पेरका में स्थित वन धन विकास केंद्र (VDVK) के माध्यम से संगठित हुए 300-300 किसान अपनी-अपनी उपज को एकत्रित करते हैं। इन एकत्रित किए गये सामग्रियों की गुणवत्ता के अनुसार छटाई भी की जाती है। छटाई के पश्चात प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता है, जहाँ सम्बन्धित सामग्रियों का निर्माण होगा।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा लाह के माध्यम से महिलाओं द्वारा चूड़ियों का निर्माण एवं इमली के उद्पादों को खुले बाज़ार में बेचने आदि के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि उत्पादों को बेहतर गुणवत्ता एवं आकर्षक रूप से बनाई जाय ताकि उचित बाजार मिल सके। इसके साथ ही उपायुक्त द्वारा बताया गया कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि उत्पादन, प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग के चेन को सुदृढ किया जाय। साथ ही जिले में एम.एफ.पी उपलब्धता में इमली, करंज बीज, साल बीज, महुआ बीज, चिरौंजी आदि के सम्बन्ध में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि उत्पादित वस्तुओं की उचित पैकेजिंग की जाय।
जिससे उनके कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और वन धन विकास केंद्रों के माध्यम से उन्हें सीधा लाभ मिल सके। मौके पर उपायुक्त द्वारा बताया गया कि इसके लिए उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाय। उन्होंने कहा कि वन धन केंद्रों को बेहतर रूप से विकसित किया जाना चाहिए।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा बताया गया कि वन उत्पादन के मूल्यवर्धन के लिए कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण भी प्रदान करना महत्वपूर्ण है। जिससे कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।