लम्पी स्कीन वायरस से गाय की मौत

बड़कागाँव: लम्पी स्कीन डीआईएपीई वायरस अब बड़कागांव प्रखंड में भी गंभीर रूप ले लिया है यह अब प्रखंड के कई गांव में फैल गई है। जिसका प्रभाव का असरकेरीगड़ा गांव में देखने को मिला है।केरीगड़ा गांव निवासी पशुपालक ईश्वरी प्रसाद के 4 जानवर लम्पी वायरस के चपेट में आ गया है जिसमें एक गाय की मौत हो गई है। पशुपालक ईश्वरी प्रसाद ने कहा कि 8 से ₹10 हजार खर्च करने के बाद भी गाय को नहीं बचा पाया। दो जानवर का इलाज किया जा रहा है वही एक जानवर की हालत काफी गंभीर हो गई है। यह वायरस बड़कागांव प्रखंड के टिकरी टाण्ड़ , परेवातरी, गोंडलपूरा,कोइलंग ,निमिया टोला, केरीगड़ा के अलावा कई गांव में लम्पी वायरस फैला हुआ है। जिसे लेकर पशुपालकों में चिंता सता रही ।
इस संबंध में बड़कागांव पशु चिकित्सा डॉ लाइसरम गौसाई सिंह ने दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया कि वायरस से बचाव और उपचार दो प्रकार से निपटना जा सकता है। उन्होंने बताया कि पशुओं का नियमित साफ-सफाई करें और संक्रमित पशु के सम्पर्क में आने से रोके। यदि पशु संक्रमण का शिकार हो गया है तो सबसे पहले उसे बाकी पशुओं से अलग कर दे। फिर नियमित रूप से बीमारी ठीक होने तक नीम के पत्तो से नहलाये। उन्होंने बताया संक्रमण का प्रभाव 7-8 दिनों तक ही रहता है। इस बीच पशु को सेकंडरी बीमारी का खतरा रहता है। शर्दी, बुखार, भूख न लगना आदि के लिए दवाई दिया जाता है। उन्होंने के बताया कि वायरस के लिए अभी वैक्सीन बनी है लेकिन बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसलिए इम्युनिटी बूस्टर यानी कि मल्टीविटामिन दिया जाता है। पशुओं में इम्युनिटी ऑप्टिमम स्तर पर पहुंचे पर वह खुद ही रिकवर कर जाते है। उन्होंने बताया कि अभी जितने भी मामले आये है ज्यादातर में पशु ठीक हो चुके है। वही डॉ सिंह ने आगे बताया कि तीन चार साल पहले भारत के उड़ीसा में यह बीमारी सर्वप्रथम आई थी। इसी तरह मिलता जुलता बिमारी बकरियों में पाई जाती है। जिसे गोट पोक्स(goat pox) नामक वैक्सीन से ठीक किया जाता है। फिल्हाल इसी वैक्सीन से लम्पी स्कीन वायरस को ठीक किया जा सकता है।

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