सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने राजभावन के समक्ष किया धरना प्रदर्शन

रांची : सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। साथ ही राज्यपाल संतोष गंगवार को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और प्रभारी के राजू सहित कांग्रेस के विध्यायक,मंत्री और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता धरना में मौजूद थे। धरना के माध्यम से कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आगामी जनगणना में सरना संहिता को शामिल किया जाय। सरना धर्म संहिता को आदिवासी लोग मानते हैं।

पूर्वी राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस ने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को एक ज्ञापन सौंपकर उनसे इस संबंध में कदम उठाने का आग्रह किया।

कमलेश ने कहा, ‘केंद्र को आगामी जनगणना में सरना धर्म संहिता को शामिल करना चाहिए। यह आदिवासियों की लंबे समय से लंबित मांग रही है।’

कांग्रेस नेता और राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज अपने धर्म का पालन करने और उसे अपनाने के लिए स्वतंत्र है।

तिर्की ने कहा, ‘यह हमारा मौलिक अधिकार है। आदिवासी समाज समानता में विश्वास करता है। सरना धर्म संहिता को जनगणना के सातवें कॉलम में शामिल किया जाना चाहिए।’

लोहरदगा के सांसद सुखदेव भगत ने कहा, ‘सरना कोड आदिवासियों की आस्था, परंपरा और धार्मिक पहचान से जुड़ा है। इसकी मान्यता की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन भाजपा इस मुद्दे पर चुप रही है।’

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