IG विकास वैभव को सीएम की हिदायत, कहा-अफसरों का काम ट्वीट करना नहीं

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के IG विकास वैभव को हिदायत देते हुए कहा है कि ट्वीट करना अधिकारियों का काम नहीं है। कोई भी विवाद अगर है तो उसे अपने वरिष्ठ को बताना चाहिए, न कि इसे सार्वजनिक तौर पर ऐसा नहीं करना। समाधान यात्रा पर मधेपुरा पहुंचे मुख्यमंत्री ने विकास वैभव को लेकर पूछे गए एक सवाल पर यह बात कही। हालांकि सीएम ने कहा कि इस पर मेरा कुछ भी बोलने उचित नहीं लेकिन साथ ही इस मामले की पूरी जांच करने की बात भी कही।
सीएम ने विकास वैभव के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि फालतू और गंदी बात है। कोई भी विवाद अगर है तो उसे अपने वरिष्ठ को बताना चाहिए, न कि इसे सार्वजनिक करना चाहिए। मुख्यमंत्री की इस हिदायत से विकास वैभव के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे मीडिया के एक हिस्से और विपक्ष के नेताओं को झटका लगा है। उधर, जाप प्रमुख पप्पू यादव और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने इस मामले में DG शोभा अहोतकर को हटाने की मांग की है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा अगर किसी को कोई समस्या है तो उसे अपने विभागीय प्रधान या अपने सीनियर को बताना चाहिए। ट्वीट कर यह सब नहीं करना चाहिए। यह अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप सरकारी अधिकारी है तो ये सब ठीक नहीं है। अगर कोई अधिकारी है तो उसका काम ट्वीट करना नहीं है। किसी भी चीज को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है।
बता दें कि होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के IG वैभव‌ ने शुक्रवार को अपने ही विभाग के DG शोभा अहोतकर के खिलाफ ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि मुझे IG, Homeguard and Fire Services का दायित्व दिनांक 18.10.22 को दिया गया था। तभी से भी सभी नव‌ दायित्वों के निर्वहन हेतु हर संभव प्रयास कर‌रहा हूं। प्रतिदिन तब से अनावश्यक ही डीजी मैडम के मुख से गालियां (recorded too) सुन‌ रहा हूं! परंतु #यात्री_मन आज वास्तव में द्रवित है!
विकास वैभव‌ ने गुरुवार रात को किया गया अपना‌ ट्वीट डिलीट कर‌ दिया था। लेकिन तब तक उसका स्क्रीन शॉट मीडिया में वायरल हो चुका था। शुक्रवार की शाम खबर आई कि वे छुट्टी पर‌ चले गए हैं। हालांकि DG ने उनकी छुट्टी की अर्जी नामंजूर कर दी है।
IPS विकास वैभव‌ का विवादों से पुराना नाता है। दंगा और‌ बलवा में लिप्त राजीव ब्रह्मर्षि और मनीष कश्यप जैसे लोगों से नजदीकियों को लेकर वैभव मीडिया की सुर्खियां बनते रहे हैं। हिंदू पुत्र जैसे अतिवादी संगठन से जुड़े राजीव ब्रह्मर्षि से सम्मान हासिल‌ करने और कश्मीरियों को पटना में पीटने वाले मनीष कश्यप को‌ Letsinspire Bihar के मंच से सम्मानित करने के मामले में विकास वैभव के खिलाफ विधानसभा में पिछले साल‌ मामला उठा था। माले के विधायक अजीत कुशवाहा ने यह मामला उठाया था। लेकिन उस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
बताया जाता है कि विकास वैभव‌ की जाति के नेताओं की‌ लॉबी उनके लिए कवच का काम कर‌ रही है। पिछ्ले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के रहते उन पर उठा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। सरकार के एक मंत्री भी वैभव के लिए ढाल‌ का काम कर‌ रहे हैं, अन्यथा इनका निलंबन और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होना तय है। वैभव ने दिल्ली दंगे के दौरान एक‌ समुदाय विशेष को‌ निशाना बनाते हुए सांप्रदायिक भावनाओं को उकसाने वाला ट्वीट किया। एक पुलिस अधिकारी ने कहाकि विकास अपने सरकारी कामकाज को लेकर‌ नहीं बल्कि विवादास्पद कामों, हरकतों और सोशल मीडिया में टीका-टिप्पणी के कारण चर्चा में रहते हैं। उनकी इन्हीं हरकतों से DG शोभा अहोतकर नाराज बताई जाती हैं। वे वैभव‌ को अपने दफ्तर में किसी भी किस्म के गैर सरकारी कामकाज से‌ परहेज करने की चेतावनी दे चुकी थीं।
इस बीच विकास वैभव को लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। भाजपा नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने शोभा अहोतकर को तुरंत पद से हटाने की मांग की है।

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