नीतीश कुमार बनेंगे यूपीए के संयोजक!

विपक्षी दलों के बीच समन्वय बनाने के लिए टीम बनाने पर विचार
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक महाबैठक में एक टीम भी बनाई जा सकती है, जो विपक्षी दलों के बीच समन्वय बनाने का काम करेगी। वहीं एक संयोजक और एक अध्यक्ष के नाम पर भी फैसला हो सकता है। इसके अलावा बीजेपी को टारगेट करने के संबंध में कदम उठाने पर आम सहमति बन सकती है। इसके अलावा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की जरूरत पर चर्चा हो सकती है। वहीं चर्चा के दौरान अध्यादेश पर भी बात हो सकती है। बैठक के बाद सभी नेताओं की संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता होगी, जिसमें एक संयुक्त बयान जारी किया जा सकता है।
वहीं, नीतीश कुमार ने बैठक में सभी दलों को स्वागत करते हुए कहा कि हमारा साथ आना बहुत जरूरी है। अगर लोकतंत्र बचाना है तो साथ आना जरूरी है। नीतीश की अगुवाई में ही विपक्षी दलों की यह बैठक हो रही है। उन्होंने इस बैठक के लिए दिल्ली से लेकर दक्षिण तक विपक्षी और क्षेत्रीय दलों के तकरीबन सभी प्रमुखों को आमंत्रित किया था। सीएम नीतीश के आवास पर चल रही इस बैठक में फिलहाल 15 दलों के नेता शामिल हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि हमें विपक्षी एकजुटता बहुत जरूरी है। साफ और खुले दिल से विपक्ष एकजुट हो। आमने-सामने साफ-साफ बात हो, यह नहीं कि अंदर कुछ और बाहर कुछ और कहा जाए।
राहुल गांधी ने बैठक शुरू होने से पहले कहा कि हिंदुस्तान में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो वाली की विचारधारा है तो दूसरी तरफ आरएसएस की भारत तोड़ो वाली विचारधारा है, इसलिए हम आज बिहार में आए हैं।
कांग्रेस पार्टी का डीएनए बिहार में है
उन्होंने कहा- कांग्रेस पार्टी का जो डीएनए है वो बिहार में है। आपने हमारी भारत जोड़ो यात्रा में बहुत मदद की। मैं जिस राज्य में भी गया वहां बिहार के लोग हमारे साथ चले। आपने यात्रा में हमारी मदद की क्योंकि आप विचारधारा को मानते हो और गहरी तरह से समझते हो।
हम मिलकर बीजेपी को हराने जा रहे हैं
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी हिंदुस्तान को तोड़ने और नफरत फैलाने का काम कर रही है, जबकि कांग्रेस मोहब्बत में विश्वास करती है। नफरत को नफरत नहीं हरा सकती है। नफरत को सिर्फ मोहब्बत काट सकती है। यहां तमाम विपक्षी दल आए हैं। हम एकसाथ मिलकर बीजेपी को हराने जा रहे हैं। कर्नाटक में बीजेपी का क्या हश्र हुआ आपने देखा होगा।
2024 के बाद से चुनाव न होने का है डर: राउत
महाबैठक से पहले एसएस-यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा कि डर है 2024 का चुनाव आखिरी चुनाव होगा। इसके बाद देश में चुनाव नहीं होगा। इस मुद्दे को लेकर हम जरूर बात करेंगे। आज किसी चमत्कार की चिंता मत कीजिए, लेकिन आज एक अच्छी शुरुआत जरूर हो रही है।
ये 27 नेता बैठक में शामिल
महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए हैं. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ’ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं।

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