सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष को घेरा, बताया आपदा काल में कैसे चलाई सरकार

रांची। झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान बुधवार को सीएम ने विपक्ष को घेरा और बताया कि आपदा काल में सरकार कैसे चलाई। उन्होंने कहा कि विधायकों को तोड़कर कैसे सरकार बनाया जाये, बीजेपी इसी कोशिश में लगी है. झारखंड में भाजपा की यही सोच रही है कि राज्य गड्ढे में जाये पर इनकी सरकार बनी रहे।
बालू, गिट्टी, पत्थर चोरी के आरोप पर सीएम ने कहा की सत्र के दौरान विपक्ष का आरोप लगाता रहा कि राज्य में बालू, गिट्टी, पत्थर की चोरी हो रही है. लूट मची हुई है. 2016 से अब तक माइंस डिपार्टमेंट के रेवेन्यू को देखें तो 2016-17 में 4120.05 करोड़ का रेवेन्यू रहा. जो 2017-18 में 5743.46 करोड़ हो गया. वहीं पिछले वित्तीय वर्ष में 6059.2 करोड़ रुपये रेवेन्यू प्राप्त हुआ.
बीजेपी ने 14 वर्षों के अपनी सत्ता में सिवाय सोने के अलावा और कोई काम नहीं किया है. इन 14 सालों में इन्होंने कभी भी पीडब्ल्यूडी  से रेवेन्यू कलेक्शन पर काम नहीं किया. हमारी सरकार ने केवल 2 माह में 150 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कलेक्शन किया है.
इसी तरह विपक्ष ने कभी भी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से 1 रुपये भी रेवेन्यू वसूली का ध्यान दिया हो. लेकिन हमारी सरकार मैं करोड़ों रुपये का रेवेन्यू वसूली किया है. विपक्ष को चिंता है की सरकार निठल्ली है, निकम्मी है. विपक्ष ने 22 वर्षों में 14 साल तक झारखंड में शासन किया. हमें साढ़े तीन साल मिला है.
घर बैठकर क्या किया यह भी सदन को जानना चाहिए. हमलोगों ने सबसे पहले सरकार चलाने कब लिए खर्च और आमदनी पर ध्यान दिया.
संसाधन न हो तो सरकार ठप बैठ जाती है. बाबूलाल के समय सरप्लस बजट था जो बाद के दिनों में खजाना खाली हो गया. राज्य जाए गड्ढे में लेकिन खरीद बिक्री कर कैसे सत्ता हासिल करें इसपर ध्यान रहता था.
रघुवर दास ने नियुक्ति का ऐसा दरवाजा खोल दिया कि औंधे मुंह गिर गया. एक कहावत है खेत खाए गदहा, मार खाए जोलहा .
14 वर्षों तक राज्य को चर गए. उसे व्यवस्थित करने में शून्य से काम करना पड़ा. नींव में कोई काम नहीं किया. संसाधन कैसे आएगा इसपर काम नहीं किया. यह राज्य यदि सोने का अंडा देती है तो उसे खिलाना पिलाना पड़ेगा.
इस राज्य में सबसे ज्यादा केंद्र सरकार का उपक्रम है. लेकिन खोखला करके रख दिया गया. सीएम ने कहा कि अगर हम इनके पदचिन्हों पर चले होते तो इस राज्य में एक भी झारखंडी को नौकरी नहीं मिलती. आज के दिन में यूपी बिहार के बच्चे नौकरी पा रहे हैं. खतियान आधारित नियोजन नीति बनाओ. खतियान के आधार पर कभी भी नियोजन नीति नहीं बनेगा.

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