ऊर्जा संचरण निगम के भ्रष्ट एमडी केके वर्मा को पदमुक्त करें मुख्यमंत्री:किसलय तिवारी

रांची: झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री पर अमर्यादित बयान की कड़ी निन्दा करते हुए भाजपा युवा मोर्चा ने उनके खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन की घोषणा की है।
आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा कि झारखंड प्रदेश में चल रही वर्तमान सरकार के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी प्रवक्ता बन बैठे हैं। आज जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी प्रदेश के मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री को उर्जा विभाग में चल रहे टेंडर घोटाला की ओर ध्यान आकृष्ट कर जांच कराने के लिए पत्र लिखते हैं तो दूसरी ओर ऊर्जा संचरण निगम के भ्रष्टतम एमडी के. के. वर्मा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नए प्रवक्ता बन बैठते हैं और अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने केलिए अमर्यादित बयान देते हैं।
कहा कि केके वर्मा सेवा निवृत अधिकारी होने के बाद भी सेवा विस्तार लेकर संचरण निगम के एमडी बने हुए हैं। परंतु पूरा झारखंड जान रहा है कि के.के. वर्मा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वसूली कंपनी के एमडी बने हुए हैं।
कहा कि यह जानकर आश्चर्य हो रहा है कि संचरण निगम का एमडी सेवानिवृत अधिकारी नहीं बन सकता है ।परंतु इन्हें बनाने के लिए नियम में बदलाव किया गया। जिससे कमीशन आने में कोई दिक्कत ना हो ।साथ ही इनके वसूलने की महारत को देखते हुए इन्हें जरेडा और ऊर्जा वितरण निगम का भी डायरेक्टर बनाकर रखा गया है ।
दूसरी ओर विभाग में समान एवं निजी कंपनियों से बिजली खरीद के लिए जीएम स्तर के अधिकारी होते हैं ।परंतु कमीशन के लिए यह काम के.के .वर्मा सिंडिकेट के जूनियर स्तर के अधिकारी के माध्यम से कराया जा रहा है ।
जबकि विभाग में जीएम स्तर के अधिकारी भरे पड़े हैं। केवल बात यही है कि यह अधिकारी प्रतिदिन 40 से 50 लाख रुपया देने को तैयार नहीं है।
कहा कि के.के.वर्मा का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने वाला है। जो सोच रहे हैं कि बाबूलाल मरांडी के खिलाफ बोलने से एक बार फिर सेवा विस्तार मिल जाएगा और हम अपना भ्रष्टाचार भी छुपा लेंगे।
परंतु भाजयुमो सरकार से मांग कर रही है कि इन्हें अभिलंब संचरण निगम के एमडी पद से मुक्त किया जाए और उनके भ्रष्टाचार की जांच का आदेश दिया जाए। साथ ही इन्हें पद से मुक्त करने तक हम चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे।

कहा कि जब से वर्तमान सरकार सत्ता में आई हैं राज्य कि जनता गंभीर बिजली संकट झेल रही हैं।
राँची धनबाद बोकारो हज़ारीबाग़ इत्यादि बड़े शहरों में भी घंटों बिजली नहीं रह रही हैं । जब राज्य भीषण गर्मी झेल रहा था बिजली उपलब्ध नहीं थी। आप अनुमान लगा सकते है ग्रामीण क्षेत्र में कितनी भीषण स्थिति का सामना कर पड़ रहा होगा।

कहा कि हमारी पार्टी के नेता प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जी पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। जनता दुःख व कष्ट में हैं, व
राज्य के ऊर्जा विभाग में उच्चतम स्तर तक लूट मची हुई हैं ।
हमारे नेता बाबूलाल जी ने कई अन्य विषय पर राज्य के मुख्यमंत्री जी व मुख्य सचिव को कई पत्र लिखे लेकिन आज तक किसी का कोई उत्तर नहीं आया , एक सामान्य शिष्टाचार में पत्र प्राप्ति की सूचना भी नहीं दी जाती।

कहा कि ऊर्जा विभाग में सिर्फ़ निविदा लूट का खेल मचा हुआ ।
बिना झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अनुमोदन के निविदा निकली जा रही हैं , कार्य का आवंटन हो रहा हैं। जो पावर परचेज एग्रीमेंट का पत्र लगाया हैं उसका अप्रूवल एक अलग प्रक्रिया हैं। पावर परचेज एग्रीमेंट का मतलब है कि उस प्लांट से जो बिजली का उत्पादन होगा उसमे झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का हिस्सा पीपीए के अनुसार होगा। जैसे कि एनटीपीसी के द्वारा जो पॉवर प्लांट नार्थ कर्णपुरा में लगाया गया है ऊसमे 25% बिजली जेबीवीएनएल के पीपी ए में हैं। इसका मतलब ये नहीं हैं कि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड इवैक्युएशन सिस्टम बनायेगा।

कहा कि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड को सिर्फ़ उसी सिस्टम को बनाना हैं जितनेवबिजली की आवश्यकता जेबीवीएमएल को हैं।
400केवी का एवं अन्य ग्रिड सब स्टेशन तथा ट्रांसमिशन लाइन बनाने का अनुमति जेएसईआरसी के द्वारा नहीं दिया गया हैं।

कहा कि यह योजना जब बनी थी उस समय यह उम्मीद की गई थी की 2021-2022 में 5630 मेगावाट बिजली की ज़रूरत जेबीवीएनएल को होगा, परंतु वर्तमान में मैक्सिमम लोड 2600 मेगावाट ही हैं इसलिए सिर्फ़ पीपी ए का मतलब यह नहीं है कि उसके लिए झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगा। पॉवर इवैक्यूएशन के लिये इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की ज़िम्मेवारी पॉवर प्लांट की होती हैं झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड की नहीं।
क्योंकि लोड ग्रोथ का जो अनुमान लगाया गया था उतना लोड ग्रोथ अभी तक भी नहीं हुआ हैं।
इसलिए इस इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत नहीं हैं इसी कारण से जेएसईआरसी ने जेएसयूएनएल के द्वारा दिये गए स्कीम को ख़ारिज किया हैं।
कहा कि अगर पूर्व में जेएसईआरसी की अनुमति प्राप्त थी तो पुनः ये प्रस्ताव क्यों भेजा गया ?ये पैसे के बंदरबाँट के लिए नहीं है तो क्या हैं ? अब क्यो उसको पारित कराने की कोशिश की जा रही हैं?
प्रेसवार्ता में युवामोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य प्रभात, प्रदेश मंत्री पवन पासवान भी उपस्थित रहे।

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