वीर शहीद नीलाम्बर पीताम्बर के शहादत दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि सत्यानन्द भोगता हुए शामिल

चतरा :वीर शहीद नीलाम्बर पीताम्बर के शहादत दिवस पर सदर प्रखंड चतरा के उंटा मोड़ देवी मंडप मैदान में आयोजित भोगता समाज विकास संघ के द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में राज्य के मंत्री सत्यानन्द भोगता मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। मंत्री ने समाज के प्रदेश अध्यक्ष साहेब राम भोगता, प्रधान महासचिव पारसनाथ भोगता, जिलाध्यक्ष सरोज भोगता, प्रदेश महासचिव बिनोद भोगता ने संयुक्त रूप से सर्वप्रथम उंटा मोड़ स्थित भोगता समाज के धरोहर व समाज पथप्रदर्शक, बिहार विधानसभा में समाज से पहले विधायक स्व. महेंद्र सिंह भोगता के स्मारक पर माल्यार्पण किया। ततपश्चात सभी माननीयों ने कार्यक्रम स्थल पर वीर शहीद नीलाम्बर पीताम्बर के प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। सभी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आयोजन समिति ने माननीय मंत्री श्री भोगता समेत सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ, शॉल, पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद गणमान्य अतिथियों ने सभा को संबोधित किया। माननीय मंत्री सत्यानन्द भोगता ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा सबसे आवश्यक है। बिना शिक्षा के कोई समाज आगे नहीं बढ़ सकता है। सभी को जागरूक होना होगा। एक पेट भूखे भी रहना पड़े लेकिन अपने बच्चे बच्चियों को जरूर पढ़ाइये, शिक्षित बनाएं तभी समाज आगे बढ़ेगा। अपने हक अधिकार के पढ़ना होगा, लड़ना होगा। भोक्ता समाज का रहन सहन, खान पान, पूजा पाठ, शादी विवाह का एक अलग पहचान है। हमारी भोगता जाति किसी जाति के उपजाति नहीं है। मूल जाति भोगता जाति है। भोगता समाज आज भी बिना तिलक दहेज के शादी विवाह करता है। लड़का वाला ही लड़की खोजता है। यह हमारे समाज की बहुत बड़ी विशेषता है। चतरा जिला में समाज के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीतिक क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है। हक और अधिकार के लिए पढ़ो और लड़ो की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में भोगता समाज विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष साहेब राम भोगता, प्रधान महासचिव पारसनाथ भोगता, प्रदेश महासचिव बिनोद भोगता, जिलाध्यक्ष श्रीमती सरोज भोगता, जिलापरिषद सदस्य श्रीमती अनिता भोगता, रेखा देवी, बीस सूत्री अध्यक्ष ब्रहमदेव सिंह भोगता, संरक्षक थनेश्वर भोगता, सत्येंद्र भोगता, नगीना भोगता, ईश्वर गंझू, जगदीश भोगता, रामदेव सिंह भोगता, अम्बिका भोगता, परमानंद भोगता, करीमन भोगता, राजदेव भोगता, गोपाल भोगता, गणेश गंझू, ननकू भोगता, रामाशीष भोगता, श्याम भोगता, रामवृक्ष भोगता, बैजनाथ गंझू, गणेश गंझू, राजेश भोगता, सरयू भोगता, भिखारी गंझू, कौलेश्वर भोगता, कई मुखिया, पंचायत समिति सदस्य समेत हजारों की संख्या में भोगता समाज के पुरुष एवं महिलाएं शामिल हुए।

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