सीबीआई ने रांची विश्वविद्यालय से जाली सर्टिफिकेट मामले में आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया
रांची विश्वविद्यालय, रांची के कर्मचारी अब्दुल बारी और पी. पी. के. कालेज, बुण्डु के कर्मचारी विद्या भुषण शुक्ला और घनश्याम महतो पर सीबीआई ने वर्ष 2019 में जाली सर्टिफिकेट के मामले में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर अविलंब अग्रेतर कार्यवायी करने का निर्देश दिया था। इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना विश्वविद्यालय की अकर्मण्यता को दर्शाता है। दोषी कर्मचारीयों से विश्वविद्यालय अब तक कार्य का निष्पादन करा रही है।
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय ने के. सी. बी. महाविद्याल,बेड़ों और मांडर महाविद्यालय, मांडर के शिक्षकों के जाली प्रमाण पत्र के मामले में रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने उन सबको निष्कासित करने का कार्य किया था, परन्तु अभी विश्वविद्यालय की क्या मजबूरी है कि इन कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई के द्वारा कार्रवाई करने का पत्र प्राप्त होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है?
ऐसा लग रहा है कि सीबीआई का यह पत्र दबा दिया गया है और उन कर्मचारियों को लूट की छूट दे दी गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन को सिस्टम को बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।

