बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी, 81 प्रतिशत हिंदू,17 फीसदी मुस्लिम,15 प्रतिशत सवर्ण,यादव सबसे बड़ी जाति

पटना:गांधी जयंती के ऐतिहासिक दिन बिहार सरकार ने सबसे बड़ा सियासी दांव चल दिया। बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जातीय गणना की रिपोर्ट को जारी कर दिया गया है। रिपोर्ट बिहार के विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने जारी किया है। जिसके अनुसार बिहार में हिन्दू की आबादी 81.9986 परसेंट बताई गई है। वहीं मुस्लिम आबादी 17.7088 परसेंट बताई गई है। जबकि ईसाई आबादी 0.576 बताई गई है। इसी तरह कुल 13 करोड़ की आबादी में पिछड़ा वर्ग 27.1286 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.0148 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.6518 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 1.6824 प्रतिशत, सवर्ण 15.5224 फीसदी बताई गई है। बात अगर जाति आधारित जनसंख्या की करें तो यादवों की आबादी सबसे 14.2666 परसेंट है। जबकि कुर्मी 2.8785 परसेंट बताए गए हैं। वहीं ब्राह्मण 3.6575फीसदी, बनिया 2.3155, भूमिहार 2.8683, व कुशवाहा 4.2120 प्रतिशत बताए गए हैं। अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी की है. जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था. हाई कोर्ट से लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.बिहार में हुई जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत है. अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी, सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत है. बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है. अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा, एक जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था. इसके बाद दो जून 2022 को राज्य मंत्री परिषद द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी 2023 तक संपन्न करने का निर्णय लिया गया था.अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर राज्य सरकार ने राज्य के सभी धर्म एवं जातियों की गणना को संपन्न कराया है. बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है. इसमें बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है. बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है.इसमें पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है. अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है. गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं पाई गई हैं. इनमें पूरे बिहार में कुल दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवार सर्वेक्षित किया गया है.बिहार सरकार की ओर से राज्य में जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए जाति जनगणना कराई गई है. सरकार का कहना है कि इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी.

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