एनडीए के 39 दलों ने लिया संकल्प, पहले से भी ज्यादा प्रचंड बहुमत से सत्ता में करेंगे वापसी

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने मंगलवार (18 जुलाई) को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगा। एनडीए ने कहा कि वह लगातार तीसरी बार भी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगा।
जहां एक ओर 26 विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ गठबंधन का मुकाबला करने के लिए बेंगलुरु में अपना सम्मेलन आयोजित किया, वहीं उसी दिन बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। एनडीए के घटकों ने देश के विकास की सराहना की और बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त किया।
एनडीए की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया, यहां आयोजित एनडीए की बैठक में 39 दलों ने हिस्सा लिया और दावा किया कि विपक्ष के सामने पहचान और प्रासंगिकता का संकट है।
प्रस्ताव में कहा गया की आज, विपक्ष भ्रमित और भटका हुआ है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में मोदी पर करोड़ों भारतीयों का अटूट भरोसा है। मोदी के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनावों में लोगों से जो आशीर्वाद मिला, वह 2019 के चुनावों में कई गुना बढ़ गया।
बीजेपी-नीत गठबंधन ने कहा कि देश विपक्षी दलों के झूठ, अफवाहों और बेबुनियाद आरोपों को खारिज करते हुए, एनडीए गठबंधन के नेतृत्व में विश्वास जता रहा है। घटक दलों ने कहा कि एनडीए में शामिल सभी दलों को 2019 में मिले जनादेश से भी बड़ा जनादेश 2024 में हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है। बैठक में शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रस्ताव पेश किया, जबकि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और असमगण परिषद (एजीपी) ने इसका समर्थन किया।
प्रस्ताव में कहा गया कि एनडीए के सभी घटक दलों ने संकल्प लिया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और वह लगातार तीसरी बार भारी बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रस्ताव के मुताबिक पिछले नौ वर्षों में, एनडीए सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण (सेवा, सुशासन और गरीबों का कल्याण) के दृष्टिकोण को सही मायने में साकार किया है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि सुशासन और विकास की इस यात्रा में सभी वर्गों, क्षेत्रों और समुदायों की भागीदारी रही। इसमें कहा गया की चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार हो या मोदी के नेतृत्व वाली सरकार, इसने हमेशा क्षेत्रीय आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए काम किया है। प्रस्ताव में मोदी सरकार के गरीब-समर्थक उपायों की सराहना की गई, जिससे गरीबी में भारी कमी आई है। घटक दलों ने कहा कि एनडीए सरकार एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।

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