केन्द्र सरकार अगले 5 साल तक बैसाखी पर चलने को मजबूर है: गुलाम अहमद मीर
रांची: कांग्रेस महासचिव एवं झारखण्ड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया था।लेकिन जिस प्रकार से देश ने भाजपा को 240 सीट पर समेट दिया है उसके बाद यह स्पष्ट है कि बैसाखियों पर चलती केन्द्र सरकार अगले 5 साल तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और पसमांदा को उसके हक और अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती।श्री मीर ने कहा कि यदि किसी भी गलती से भाजपा को अपने सपने के अनुसार लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सीट मिल जाती तो आरक्षण समाप्त हो जाता।
रविवार को राजधानी रांची के बनहोरा जतरा मैदान में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री मीर ने कहा कि झारखण्ड सरकार ने गरीबों के लिये बहुत अच्छे काम किये हैं और बड़ी संख्या में लोग सरकार की कल्याणकारी एवं गरीबों-वंचितों के लिये लाभकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने विशेष रूप से अबतक मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना में प्राप्त 37 लाख से अधिक आवेदनों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने सरकार को यह सुझाव दिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती पर अगले 20 अगस्त से सांकेतिक रूप से ही सही लेकिन मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना की शुरुआत की जाये और महिलाओं के खाते में रकम जाने की शुरुआत हो।श्री मीर ने कहा कि भाजपा और उसके नेता, भारतीय धर्म, संस्कृति और समाज की बजाय सत्ता की परवाह करते हैं।
इसी कारण उसे 2014 और 2019 के चुनाव में तो सफलता मिल गयी। लेकिन 2024 के चुनाव में मतदाताओं ने उसे ऐसा समेटा कि अब केन्द्र सरकार अगले 5 साल तक बैसाखी पर चलने को मजबूर है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में
झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति, बरसों-बरस पुरानी है और इसी के कारण प्रकृति का स्वरूप कायम है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और उसके नेताओं की साज़िशों से बचकर रहने की जरूरत है। मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने सम्बोधन में कहा कि आदिवासियों की संस्कृति के संरक्षण के लिए हमेशा बढ़-चढ़कर आगे रहने की जरूरत है।
कार्यक्रम में शाहजादा अनवर, अजय नाथ सहदेव, मदन मोहन शर्मा, गजेंद्र सिंह रमा खलखो, रियाज़ अंसारी इत्यादि शामिल हुए ।