संघर्ष की परिचायक है आजसू छात्र संघ

रांची। आजसू के बैनर तले युवाओं ने संघर्ष किया। खुद के जीवन को हूम किया। दिल्ली के कान तक ” कैसे लेंगे झारखंड, लड़ के लेंगे झारखंड’ की आवाज़ पहुंचाई। अलग झारखण्ड लिया। आज झारखण्ड बनने के बाद एक नई लड़ाई का जिम्मा इन्हीं युवाओं पर आया है – झारखंड का विकास झारखंडियों के लिए ! “उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष श्री सुदेश कुमार महतो ने आजसू छात्र संघ के कार्यकारिणी सदस्यों के साथ अपने कांके स्थित आवास पर बैठक के दौरान कहीं।

• इसी माह पूर्ण होगा अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) का सांगठनिक कार्य।

आगामी अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश सम्मेलन के बाबत उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश देने के लिए यह आपात बैठक बुलाई थी। उन्होनें राज्य के हर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की कमिटी को इसी माह के अंत तक पूरा करने का निर्देश दिया। प्रखंड से लेकर जिला तक युवा छात्र कार्यकर्ताओं को जोड़ने और राजनीतिक तौर से शिक्षित करने का निर्देश दिया।

• युवाओं के साथ विश्वासघात कर रही है हेमंत सरकार।

अधिकार और हुक़ूक़ की लड़ाई लड़ने वालों तक का ही अभी तक मौलिक अधिकार सुरक्षित नही हो पाया।
मौजूदा राज्य सरकार के कैबिनेट ने डोमिसाइल तो तय कर दिया, खतियान आधारित स्थानीयता को नियोजन नीति से जोड़ने पर चुप्पी साधकर झारखण्ड के बेरोजगार युवाओं को भावनात्मक तौर से फुसलाने भर का काम किया है।
वक्त है कैबिनेट के निर्णय को अमलीजामा पहनाने का, स्थानीयता के आधार को नियोजन में भी समाहित करने की जरूरी अधिसूचना जारी होनी चाहिए।

• निविदा पर नियुक्त शिक्षकों को स्थाई करे सरकार।

सबसे ज्यादा हताश अभी विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले निविदा पर नियुक्त शिक्षक हैं, और उनसे पढ़ने वाले छात्र हैं, जिनको यह ठीक ठीक पता नहीं चल पा रहा कि नियोजन नीति के अभाव में वो विश्वविद्यालय के बाद किस दिशा में उन्मुख हों। निविदा पर कार्यरत शिक्षकों से दिहाड़ी मजदूरों जैसा व्यवहार कर रही है सरकार जो अनुचित है। ये शिक्षक जब तक अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त नही होंगे तब तक राज्य में शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ सुदृढ़ नही हो सकती। निविदा पर कार्यरत शिक्षक अपने विभिन्न मांगों को लेकर कार्यरत हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

• 5 लाख रोजगार व बेरोजगारी भत्ता सरकार के प्राथमिकता से बाहर।

मौजूदा सरकार के द्वारा यहां के छात्रों के साथ एक वर्ष में 5 लाख नौकरियों को देने का वायदा था, उन्हें इस वायदे को वक्त रहते याद दिलाने का काम जागरूक और सचेत युवा छात्रों को करना है। जरूरत है कि प्रत्येक बजटीय सत्र के साथ ही रोजगार और प्रतियोगी परीक्षाओं का कैलेंडर तय हो। बेरोजगारी भत्ता युवाओं का अधिकार है, इसे लेकर सकारात्मक पहल होनी चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जिला और प्रखंड स्तर के युवा कार्यकर्ता छात्र संघ से जुड़कर राज्य को सही दिशा देने के लिए आगे आएं। सक्रिय कार्यकर्ता उन्हें अपने स्तर से जागरूक कर जोड़े।

उक्त बैठक में आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ विनय भरत, आजसू छात्र संघ के संयोजक हरीश कुमार , आजसू छात्र संघ के अध्यक्ष गौतम सिंह तथा अन्य उपस्थित थे।
सधन्यवाद।

भवदीय
गौतम सिंह
प्रदेश अध्यक्ष, आजसू

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