सहकारिता भवन में ए-हेल्प का कृषि मंत्री बादल ने किया शुभारंभ

रांची। ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए हेसाग स्थित पशुपालन एवं सहकारिता भवन के सभागार में ए-हेल्प योजना का शुभारंभ किया गया। योजना का शुभारंभ करते हुए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल ने कहा कि राज्य की जीडीपी में कृषि और पशुपालन का 20 प्रतिशत योगदान सुनिश्चित करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इसी के मद्देनजर विभाग विभिन्न स्तर पर योजना की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने ए-हेल्प के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की लाइफ स्टाईल में बदलाव आयेगा और पशुपालकों की सोच में भी परिवर्तन आयेगा। उन्होंने कहा कि ए-हेल्प योजना के तहत पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, क्योंकि पशुपालन को लेकर पंरपरावादी सोच को बदलने की जरूरत है, ताकि वैज्ञानिक पद्धति का समावेश कर इसे उद्यमिता का रूप देते हुए बदलाव किया जा सके।
श्री बादल ने बताया कि एक दौर था जब हमने डेयरी की शुरुआत की थी, तब मात्र 80 हजार लीटर दूध का प्रतिदिन संग्रह होता था। लेकिन, निरंतर प्रयास से आज हम हर दिन ढाई लाख लीटर दूध का संग्रह कर रहे हैं। इस उद्यमिता से करीब 50 हजार किसानों को जोड़ा गया है। कैटल फीड पर भी हम सब्सिडी देने जा रहे हैं। साथ ही हमारा प्रयास है कि राज्य में मिल्क पाउडर प्लांट की स्थापना की जाये। उन्होंने बताया कि जल्द ही जमशेदपुर और गिरिडीह में दूध का प्लांट शुरू किया जायेगा। सुखाड़ के संबंध में उन्होंने कहा कि इस बार भी मॉनसून ने धोखा दिया है और बारिश हुई है तो वह बेमौसम हुई, जिस वजह से खेती को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। अतिवृष्टि से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है, इसलिये पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिये एक बेहतर विकल्प बन सकता है। बोकारो में मुर्गी पालन और गुमला में अंडा प्रोडक्शन को लेकर बड़ा काम करने जा रहे हैं। हमारी सरकार ने 4.5 लाख किसानों को केसीसी उपलब्ध कराया है। साथ ही 5 लाख किसानों का कृषि लोन माफ किया है। इसके अलावा 2018-19 के लंबित बीमा की 732 करोड़ की राशि किसानों को उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि हमने 42 हजार लाभुकों को पशुधन योजना का लाभ दिया है।
उन्होंने पशु सखियों को संबोधित करते हुए कहा कि ए-हेल्प की ट्रेनिंग के दौरान आपको कई जानकारियां मिलेंगी और उन जानकारियों को प्राप्त करने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में पशुओं की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। हम जल्द ही मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के पशुधन की सोच को साकार करने के लिये पशुपालकों को बीमा की सुविधा भी देने जा रहे हैं। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र के संबंध में कहा कि पशुधन योजना के लाभ के लिए आप अपने पंचायत प्रधान, ग्राम प्रधान से ही जाति प्रमाण पत्र बनवा सकती हैं। इसके लिये किसी भी महिला को बाहर या अपने मायके जाने की जरूरत नहीं है।

ए-हेल्प मॉड्यूल को गंभीरता के साथ लागू करने की जरूरतः राजीव रंजन

गो सेवा आयोग के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि यह हमारे लिये एक अवसर है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है कि इस योजना की सफलता के लिए हम लगातार प्रयास जारी रखें। उन्होंने कहा कि इस मॉड्यूल को गंभीरता के साथ राज्य में लागू करने के लिए पशु सखियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

झारखण्ड आजीविका मिशन क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शनः सचिव, भारत सरकार

भारत सरकार में पशुपालन विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने पशु सखियों को ऑनलाईन संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में आजीविका के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है। कई संगठन बनाये गये हैं। उनमें से करीब 15 संगठनों में महिलाएं काफी आगे बढ़कर काम कर रही हैं और इन आंकड़ों से साफ है कि बड़ी संख्या में झारखंड की महिलाएं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 2 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और डेयरी उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें दो करोड़ महिलाओं को जोड़कर लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग भी ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सेवा दे रहा है। हमने मोबाईल वेटनरी क्लिनिक की भी शुरुआत की है। हमारा प्रयास है कि डेयरी उद्योग से जुड़ी महिलाओं को सर्विस सेक्टर से भी जोड़ा जाये।

पशुपालकों से सीधा संवाद ही पशु सखियों का कर्तव्यः अबू बकर सिद्दिकी

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दिकी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पशुओं की जिन्दगी का भी उतना ही महत्व है जितना हमारा है और हमारे परिवार का है। इसलिए पशुओं की सेवा में समर्पण भी वैसा ही होना चाहिए, जैसा समर्पण हम अपने परिवार के प्रति दिखाते हैं। ए-हेल्प योजना के माध्यम से पशु सखियों को सीधे पशुपालकों से जुड़ना है और कम्युनिटी सर्विस के साथ वॉलिंटियर के रूप में भी सर्विस देनी है। उन्होंने प्रशिक्षण के संबंध में सुझाव देते हुए कहा कि पशु सखियों को प्रशिक्षित करते समय इस बात की भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिये कि विभाग की कौन सी योजनाएं है और उनका लाभ लेने के लिये किन प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने इस संबंध में एक पुस्तक प्रकाशन की भी बात कही।

ए-हेल्प के जरिये पशुपालकों को उनके घरों तक मिलेगी स्वास्थ्य सुविधाः आदित्य रंजन, निदेशक

पशुपालन विभाग के निदेशक श्री आदित्य रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपालन का आजीविका में एक महत्वपूर्ण योगदान है। विभाग का प्रयास है कि उद्यमिता विकास और ब्रीड डेवलपमेंट में बदलाव होना चाहिये। साथ ही पशुपालकों के घर तक पशुओं स्वास्थ्य की सुविधा मिले, इसके लिए ए-हेल्प की शुरुआत की गयी है। इसके लिए सामुदायिेक स्तर पर समूह तैयार किये गये हैं, जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है। यह योजना अब तक आठ प्रदेशों में लांच की गयी है।
कार्यक्रम में ट्रेनिंग मॉडयूल शिड्यूल की पत्रिका का विमोचन किया गया। साथ ही ट्रेनिंग लेने वाली 6 पशु सखियों को सांकेतिक रूप से प्रशिक्षण किट दिये गए।
इस मौके पर मुख्य रूप से भारत सरकार की सहायक पशुधन आयुक्त श्रीमती सुलेखा जी, एनडीडीपी के वरीय प्रबंधक श्री ललित प्रसाद सहित पशुपालन विभाग के कई पदाधिकारी और पशु सखियां उपस्थित थीं।

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