आखिर बिजली बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एसएन वर्मा को ले डूबी लॉबी, जिसने डूबाया उसपर भी है एसीबी की नजर

रांचीः आखिर वही हुआ जिसमें महीनों से लॉबी लगी हुई थी। मकसद एक ही था एसएन वर्मा को झारखंड आने से किसी भी तरह से रोकना। एसएन वर्मा के वापस झारखंड आने की संभावना मात्र से विरोधी लॉबी के रातों की नींद उड़ गई थी। इसलिए वर्तमान में बिजली बोर्ड पर काबिज लॉबी ने ऊर्जा मंत्री को कंवेंस कर पुराने सिकिदरी मामले में एसएन वर्मा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति करा दी। जबकि बिजली बोर्ड के तकरीबन आधे दर्जन से अधिक पुराने मामले पर अभी भी अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं। कई मामले तो एसएन वर्मा से भी पुराने हैं। तो सवाल यह कि आखिर किस बात की हड़बड़ी थी। क्या एसएन वर्मा की वापसी की बात चल रही थी। वर्तमान में बिजली कंपनी में करोड़ाों का टीडीएस घोटाला हुआ। संचरण निगम में पूर्व एमडी निरंजन कुमार के खिलाफ जांच जारी है। इस मामले में कई अफसर जांच के दायरे में हैं। लेकिन इन पर अब तक कार्रवाई नहींहुई है। वहीं बनहर्दी कोल ब्लॉक मामले में करोड़ों का हिसाब किताब नहीं मिल रहा है। इस पर एसीबी ने मामला दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांगी थी, लेकिन सरकार ने इस मामले में अनुमति अब तक नहीं दी है। आरएपीडीआरपी प्रोजेक्ट, ग्रामीण विद्युतीकरण मामले में भी कई अनियमितताएं बरती गईं। जांच की फाइल डंप हो गई । जिस सिकिदरी हाइडल मामले में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। उस सिकिदरी हाइडल के लिए हुई बोर्ड मीडिंग में तत्कालीन ऊर्जा सचिव और तत्कालीन ऊर्जा उत्पादन निगम के निदेशक का भी हस्ताक्षर है। उस बोर्ड मीटिंग में सहमति के कागजात गणादेश के पास उपलब्ध हैं।

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