राज्य में ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: सीएम
रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा जिला अस्पतालों का हेल्थ सर्किट बनाया जाए ताकि जरूरत के हिसाब से मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा सके। इससे किसी एक अस्पताल पर मरीजों का ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। मुख्यमंत्री गुरुवार को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को राज्य में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने राजधानी रांची के री- डेवलपमेंट प्लान तथा यातायात व्यवस्था को लेकर भी संबंधित अधिकारियों के साथ अहम बैठक की।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के सभी सरकारी अस्पताल
24 × 7 फंक्शनल होनी चाहिए। इस दिशा में चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मी अस्पतालों में हमेशा उपलब्ध होने चाहिए ताकि मरीज कभी भी आएं तो उनका इलाज सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों को और बेहतर तथा अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऐसी व्यवस्था हो, इस दिशा में भी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक होने से मरीज को बेवजह मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेफर करने से भी काफी हद तक निजात मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में अक्सर अव्यवस्था की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से मिलती रहती है। अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पतालों में किसी मरीज को बेड नहीं मिल पाता है तो किसी को जांच करने में असुविधा होती है। ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रहती है । अस्पताल में ऐसी अव्यवस्था नहीं दिखे, इसके लिए हॉस्पिटल मैनेजमेंट को मजबूत और दुरुस्त करें , ताकि मरीजों को इलाज से संबंधित सारी जानकारियां सहूलियत से मिल सके । अस्पतालों के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रोफेशनल्स की सेवा लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किडनी के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है । ऐसे में अस्पतालों में डायलिसिस के लिए मरीजों को लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। इस कारण चिकित्सको और पैरामेडिकल कर्मियों की व्यस्तता भी काफी बढ़ जाती है । ऐसे में किडनी मरीजों को पेरीटोनियल डायलिसिस के लिए सभी जरूरी दवाई और उपकरण उपलब्ध कराने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग आगे बढ़ें ताकि वे अपने घर पर खुद डायलिसिस कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कैंसर के मरीज बड़ी संख्या में बढ़ रहे हैं। यह बीमारी लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। ज्यादातर कैंसर के मरीज इलाज के लिए राज्य के बाहर के बड़े अस्पतालों में जाते हैं। ऐसे में अपने राज्य में कैंसर मरीजों का पूरा डेटा तैयार करें , ताकि उनके बेहतर इलाज की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ सके।
मुख्यमंत्री ने राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निर्माण कार्य के प्रगति की जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने कहा कि इन सभी अस्पतालों को जल्द से जल्द पूरी तरह फंक्शनल बनाएं ताकि मरीजों को रिम्स अथवा अन्य बड़े अस्पतालों में रेफर करने करने की व्यवस्था नियंत्रण में रहे। उन्होंने सुदूर और दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में अवस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के बेहतर संचालन के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया, ताकि ग्रामीण मरीजों को सामान्य बीमारियों के इलाजों के लिए इधर-उधर नहीं जाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने रिम्स की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए दिए ये निर्देश_*
● रिम्स परिसर में निर्माणाधीन क्षेत्रीय नेत्र संस्थान हर हाल में अगले वर्ष फरवरी तक शुरू हो जाना चाहिए।
● सभी विभागों के ओपीडी और जांच की सुविधा एक ही बिल्डिंग में उपलब्ध कराई जाए।
● अस्पताल में नए और अत्याधुनिक चिकित्सीय जांच उपकरण लगाए जाएं। पुराने और आउटडेटेड उपकरणों को स्क्रैप करें।
● जरूरत के अनुरूप विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो।
● रिम्स में जिन मरीजों का सफल इलाज हो चुका है और सिर्फ उचित नर्सिंग तथा देखभाल की जरूरत है, उन्हें सदर अस्पताल में शिफ्ट करें। इससे अस्पताल में मरीजों के लिए बेड और अन्य समस्याओं से काफी हद तक निजात मिलेगी।
● रिम्स में जिन विभागों पर मरीजों का बोझ बहुत ज्यादा है , उन्हें सदर अस्पताल में शिफ्ट किया जाए। इसके लिए सदर अस्पताल में इलाज के लिए सारी सुविधाएं और व्यवस्था होनी चाहिए।
● रिम्स में एंक्रोचमेंट को हटाने की दिशा में समुचित कदम उठाए जाएं
● रिम्स परिसर में अवांछित तत्वों के प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए। यहां की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करें।
मुख्यमंत्री ने राजधानी रांची के री- डेवलपमेंट प्लान और बढ़ रहे ट्रैफिक प्रेशर और उससे निजात के लिए उठाए जा रहे हैं कदमों को लेकर पथ निर्माण विभाग और रांची नगर निगम के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। मुख्यमंत्री ने सुंदर और स्मार्ट रांची बनाने की दिशा में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। । उन्होंने कहा कि क्लीन एंड ग्रीन रांची के लिए हम सभी को मिलजुल प्रयास करना होगा। इसमें आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में भी पहल की जानी चाहिए। इस मौके पर पथ निर्माण विभाग के ओर से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए रांची में नए फ्लाईओवर तथा सड़कों के निर्माण के साथ इनर और आउटर रिंग रोड की योजना की जानकारी दी। रांची नगर निगम के आयुक्त को शहर का नियमित भ्रमण करने का निर्देश दिया ताकि साफ- सफाई और अतिक्रमण की हकीकत की जानकारी मिल सके और उसके निदान की लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
● राजधानी रांची की सड़कों का मरम्मत, मजबूतीकरण और चौड़ीकरण का कार्य शीघ्रता के साथ पूरा किया जाए।
●रांची शहर की साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखें सड़कों के किनारे कचरा और गंदगी का अंबार नहीं होना चाहिए।
● ठंड को देखते हुए चौक -चौराहों पर अलाव की व्यवस्था तथा गरीबों के बीच कंबल का वितरण सुनिश्चित करें।
उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, सचिव के श्रीनिवास, मिशन डायरेक्टर, एनएचएम अबु इमरान, मनरेगा आयुक्त मृत्युंजय कुमार, रांची नगर निगम के नगर आयुक्त संदीप सिंह, निदेशक- नगरीय प्रशासन सत्येंद्र कुमार, रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार, निदेशक प्रमुख- स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सी के शाही तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।